भोपाल में गश खाकर गिर रहे चलते-फिरते लोग, हर चौथे शख्स की हो रही मौत

भोपाल में गश खाकर गिर रहे चलते-फिरते लोग, हर चौथे शख्स की हो रही मौत

भोपाल। चलते-फिरते या काम में लगे लोग अचानक गश खाकर गिर रहे हैं और इनमें से अधिकांश की मौत हो जा रही है। कम आयु में हार्ट अटैक से हो रहीं ऐसी मौत की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। यह चिंता के साथ चिंतन का भी विषय बन गया है। महज 35—40 की उम्र में दिल धोखा दे रहा है और ऐसे कार्डियक अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कार्डियोलॉजिस्ट के अनुसार 25 फीसदी हार्ट अटैक के मामलों में सीधे मौत होती है। यानि हर चौथा मरीज अटैक से मर रहा है।

ऐसी ही एक घटना शहर के हबीबगंज क्षेत्र में स्थित एक बैंक से सामने आई जहां सोमवार देर शाम 40 वर्षीय महिला दफ्तर में काम करते-करते बेहोश हो गई। घटना के तत्काल बाद महिला को हमीदिया अस्पताल ले जाया गया जहां पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। पोस्टमार्टम से इसकी पुष्टि हुई जिसमें महिला की आर्टरीज में ब्लॉकेज देखा गया।

एक चौथाई मरीजों की हार्ट अटैक से सीधे मौत

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सतीश रामटेके के अनुसार 25 फीसदी हार्ट अटैक के मामलों में सीधे मौत होती है। यानि हर चौथा मरीज अटैक से मर जाता है। बायस्टैंडर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और डीफिब्रिलेशन (शॉक) ही प्राथमिक उपचार के विकल्प- डॉ. सतीश रामटेके के अनुसार ऐसी स्थिति में तत्काल बायस्टैंडर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और डीफिब्रिलेशन (शॉक) ही प्राथमिक उपचार के विकल्प होते हैं। बाईस्टैंडर सीपीआर की ट्रेनिंग हर नागरिक को लेनी चाहिए। इसके बुनियादी स्तर के बारे में हर व्यक्ति को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।