Menstruation Hygiene Day:पीरियड्स के दौरान कैसे मैटैंन करें पर्सनल हाइजीन साथ ही जाने पैड यूज़ करने का सही तरीका

पीरियड्स के दौरान साफ सफाई मेन्टेन ना करने की वजह से , हर साल लाखों महिलाये गंभीर बिमारियों का शिकार हो रही है। आखिर क्या है मेंस्ट्रुअल हाइजीन , क्यों मनाया जाता है Menstruation Hygiene Day और हम कैसे सेफ रह सकते हैं? इन सब सवालों के जवाब के लिए पढ़े ये आर्टिकल

Menstruation Hygiene Day:पीरियड्स के दौरान कैसे मैटैंन करें पर्सनल हाइजीन साथ ही जाने पैड यूज़ करने का सही तरीका

फीचर्स डेस्क। मासिक धर्म , पीरियड , साइकिल ,मेंस्टुरेशन , चम्स इन सभी नामों से जाने जाते हैं वो खास 5 दिन जो हर लड़की की जिंदगी में लगभग 12 साल से 50 साल की उम्र तक हर मंथ आते हैं। ये साइकिल बॉयलोजिकली जितना इम्पोर्टेन्ट है , मेंटली और फिजिकली उतना ही स्ट्रेसफुल , ऊपर से बलिहारी ये की हमारे देश में इसे एक टैबू की तरह देखा जाता है। भारत में हर साल लाखों महिलाये मेंस्ट्रुअल हाइजीन मेन्टेन ना कर पाने की वजह से ना सिर्फ गंभीर बिमारियों का शिकार होती है बल्कि कई बार अपनी जान से भी हाथ धो बैठती हैं।

Menstruation Hygiene Day

मेनस्ट्रॉल हाइजीन की इम्पोर्टेंस को समझते हुए साल 2014 में Menstruation Hygiene Day की शुरुआत, जर्मन एनजीओ 'वॉश यूनाइटेड' के द्वारा की गयी। इसका उद्देश्य लड़कियों को पीरियड्स में स्वच्छता और सुरक्षा के लिए जागरूक करना है।आमतौर  पर मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों के गैप पर आता है और इसका ड्यूरेशन 5 डेज का होता है , इसीलिए इस खास दिन को मानाने के लिए 5 वें महीने के 28 वें दिन को चुना गया। 

पीरियड्स के बारे में बात करने में न केवल गांवों में बल्कि शहरों में भी बहुत सारी महिलाएं झिझकती हैं। इस दौरान उन्हें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इस बारे में वे नहीं जानतीं। पीरियड्स के दौरान स्वच्छता बनाए रखने से इस दौरान होने वाले संक्रमण से खुद को बचाया जा सकता है। वर्ल्ड मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे पर आज हम मेंस्ट्रुल हाइजीन के बारे में स्टेप बाय स्टेप बात करेंगे। जिस से हम अपने आप को और अपनी बेटियों को किसी गंभीर बीमारी का शिकार होने से बचा सके, आइये जानते हैं

कपडा नहीं पैड चुने

मेंस्ट्रुल साफ़ सफाई को बनाये रखने की पहली कड़ी है सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करना। गांवों और छोटे शहरों में बहुत सारी महिलाएं अभी भी पीरियड्स में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। इस कपड़े का दुबारा इस्तेमाल करने के लिए इन्हें धोने के बाद छिपाकर सुखाने के चक्कर में खुली हवा या धूप नहीं लग पाती। ऐसे में इसके इस्तेमाल से गंभीर संक्रमण हो सकता है। सेनेटरी पैड अलग अलग शेप साइज और लेंथ में मिलते हैं ,अमूमन 8rs पर पैड या इस से भी कम इसकी लागत होती है। इसको पास की किसी भी मेडिकल शॉप या परचून की दुकान से खरीदा जा सकता है।

सेनेटरी पैड को यूज़ करने का सही तरीका

कैसे अपने अंडरवियर में पैड को सुरक्षित तरह से लगाना चाहिए उसके लिए कुछ आवश्यक स्टेप्स को जान लेना जरूरी है।

सेनेटरी पैड उपयोग करने से पहले हमेशा यह सुनिश्चित कर लें कि आपके हाथ पूरी तरह से साफ हों।

थोड़ी सी फोर्स के साथ आपको सेनेटरी पैड  में लगे रैपर को हटाना है। इसे एक जगह डिस्‍पोज करने के लिए रख दें।

अपनी अंडवेयर में सेनेटरी पैड को लगाने से पहले आपको पैड के पीछे और उसके विंग्स पर चिपके कागज को हटाना होगा।

अब आप अपने घुटनों को चौड़ा करें और अपने अंडरवियर के अंदर वाली सतह पर सेनेटरी पैड को चिपकने वाले हिस्से की ओर से रखें। सुनिशिचत करें कि पैड आपकी अंडरेवयर में अच्छी तरह से चिपक गया है या नहीं।

अंडरवियर पर विंग्स चिपकाने से पहले देख लें कि सेनिटरी नै‍पकिन पूरी तरह से फैल गया है या नहीं।

अब सेनेटरी पैड के विंग्स को अंडवियर में चिपकाएं।

अंडवियर के बहारी हिस्‍से में विंग्स को घुमा कर चिपकाएं।

जब आप यह सुनिश्चित कर लें कि सेनेटरी पैड आपकी अंडरवियर में अच्छी तरह से चिपक गया है तो आप उसे नॉर्मली जैसे अंडरवियर पहनते हैं पहन लें।

बदलना

आप को पैड हर 6 से 8 घंटे में बदलना है। लंबे समय तक एक ही पैड को लगाने से पसीने और यूरिन ड्रॉप्स के कारण पैड नम रहता है। देर तक ऐसा होने के कारण वेजाइना में इन्फेक्शन  का खतरा रहता है। गीले पैड को लंबे समय तक इस्तेमाल से आपकी जांघों और इंटिमेट एरियाज पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं। ऐसा करने से जलन भी हो सकती है। इससे बचाव के लिए समय-समय पर पैड बदलते रहना चाहिए।

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डिस्पोस करना

 इस्तेमाल किए गए पैड को ठीक से डिस्पोस करना भी ज़रूरी है। इधर उधर फेकने से बाकियों को इन्फेक्शन हो सकता है। इसलिए इसे हमेशा पेपर या नैपकिन में लपेटकर कूड़ेदान में फेंकें। गलती से भी फ्लश ना करें ये आप के टॉयलेट को चोक कर देगा।  

अन्य सावधानियां

पीरियड्स के दौरान रोज़ नहाये , कपडे चेंज करें। 

ब्लीडिंग के कारण प्यूबिक एरिया में लगे खून को समय समय पर साफ करती रहे। 

साबुन के बजाये गुनगुने पानी से साफ़ करें इस से वजाइना की ph वैल्यू मेन्टेन रहेगी। 

पीरियड्स में ज्यादा बहाव के दौरान बार-बार पैड बदलने के झंझट से बचने के लिए कुछ महिलाएं दो पैड का इस्तेमाल करती हैं, जो कि गलत तरीका है। एक पैड की सोखने की क्षमता जितनी है, उतना ही सोखेगा। दो पैड एक साथ लगाने से संवेदनशील अंग के पास गर्मी बढ़ेगी, बैक्टीरिया ज्यादा पनपेंगे और दुर्गंध भी देंगे। दो पैड से असुविधा भी महसूस हो सकती है।

Image credit- freepick.com