Lifestyle Disorder :कब्ज़ नहीं हो रहा दूर तो अपनाये ये श्योर शॉट आयुर्वेदिक् नुस्खे

ग्रासहॉपर मुद्रा एक झुकी हुई पीठ को मोड़ने वाला आसन है। यह पेट के दबाव को बढ़ाता है, जो बदले में पाचन अग्नि को प्रज्वलित करता है, गैस्ट्रिक परेशानियों और कब्ज से राहत देता है और लिवर को स्ट्रांग बनाता है....

Lifestyle Disorder :कब्ज़ नहीं हो रहा दूर तो अपनाये ये श्योर शॉट आयुर्वेदिक् नुस्खे

फीचर्स डेस्क। कब्ज को अक्सर मजाकिया अंदाज में  लिया जाता है। सुनने में ये एक आम समस्या लगता है पर ध्यान ना देने पर इसका असर कई बड़ी बिमारियों का रूप ले लेता है। कब्ज़ सिर्फ पेट साफ़ ना होने से ही जुड़ा नहीं है बल्कि इससे बेचैनी, ब्लोटिंग, गैस,एसिडिटी पेट दर्द, सिरदर्द और सांसों की दुर्गंध की संभावना भी बढ़ जाती है। दरअसल कॉन्स्टिपेशन से कोलन में टॉक्सिन्स अब्सॉर्ब नहीं हो पाते जिससे मुंहासे, एसिडिटी, मुंह में छाले, नींद में खलल, एंगर डिसऑर्डर और डिप्रेशन जैसी समस्‍याएं भी हो सकती है। अगरआप भी लगातार कब्ज़से परेशां रहते हैं तो इन आयुर्वेदिक टिप्स का यूज़ करें। इनसे आप को ज़रूर फायदा मिलेगा। सबसे पहले आइये जाने कब्ज़ के कारण उसके बाद बढ़ते है इलाज की तरफ

कारण

गैस पैदा करने करने वाले सूखे और ठंडे भोजन का सेवन।

पर्याप्त पानी नहीं पीना।

धूप में बहुत समय बिताना।

शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना और लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहना।

कब्ज़ का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद, इंडीविसुअल बॉडी के टाइप, करंट हेल्थ और लाइफ स्टाइल के अनुसार कब्ज के इलाज के लिए हर्बल फॉर्मूलेशन के उपयोग की सिफारिश करता है।

कब्ज के इलाज के लिए खान-पान में बदलाव जरूरी है। खाना फाइबर युक्त होना चाहिए।

दिन भर में कम से कम 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए।

रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ त्रिफला लें। 

केमिकल आधारित जुलाब से बचना चाहिए। इसके बजाय, प्राकृतिक जुलाब लेने की कोशिश की जा सकती है।

शरीर के मेटाबॉलिज्‍म में सुधार ने के लिए ज़रूरी है कि रोजाना कुछ देर एक्‍सरसाइज और योग करें।

कब्ज के लिए योगासन

कब्ज़ से मुक्ति पाने के लिए अपनी दिनचर्या में इन योग पोसेस को शामिल करें

भुजंगासन (कोबरा पोज)

कब्ज के साथ गैस की समस्‍या भी आती है। कोबरा पोज़ आपके पेट की मसल्‍स और आपके पाचन अंगों को फैलाने के लिए बहुत अच्छा है, जिससे आपको आसानी से गैस पास करने में मदद मिलती है।

त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा)

त्रिकोणासन में आपका सिर साइड की ओर मुड़ा होता है। इससे आपके पाचन अंगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और कब्ज से राहत मिलती है।

विपरीत करणी (उल्टा मुद्रा)

इस पोज़ के कई सारे फायदे है। जैसा कि इस आसन के नाम से पता चलता है कि यह (विप्रिता) (करणी) क्रिया का उल्टा है। इसे करने से कब्‍ज की समस्‍या से भी राहत मिलती है।

पवनमुक्तासन (विंड रिलीविंग पोज)

विंड रिलीविंग पोज़ एक और आसन है जो पेट की मालिश करने के लिए बहुत अच्छा है, जिससे फंसी हुई गैस को बाहर निकालने में मदद मिलती है। साथ ही कब्‍ज की समस्‍या से राहत मिलती है।

शलभासन (ग्रासहॉपर पोज)

शलभासन या ग्रासहॉपर मुद्रा एक झुकी हुई पीठ को मोड़ने वाला आसन है। यह पेट के दबाव को बढ़ाता है, जो बदले में पाचन अग्नि को प्रज्वलित करता है, गैस्ट्रिक परेशानियों और कब्ज से राहत देता है और लिवर को स्ट्रांग बनाता है।

अर्धमत्स्येन्द्रासन (हाफ स्पाइनल ट्विस्ट पोज)

अर्ध मत्स्येन्द्रासन में भी आपका सिर मुड़ा होता है जिससे आपके पेट में से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं और पाचन तंत्र में सुधार होता है।

इन योग पोसेस और टिप्स को अपने लाइफस्टाइल में ऐड करें। एक मंथ फॉलो करने के बाद भी अगर लाभ ना हो तो चिकित्सीय परामर्श अवश्य लें।

Image Source- Freepick.com