यूपी में टीके की कमी से कई केन्द्र बंद : अखिलेश

यूपी में टीके की कमी से कई केन्द्र बंद : अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कोरोना महामारी से बचाव के लिए बतौर रक्षा कवच प्रचारित टीकाकरण अभियान सुस्त पड़ गया है। टीके की कमी से कई टीकाकरण केन्द्र बन्द हो गए हैं और तमाम केन्द्रों से लोग मायूस लौट रहे हैं। यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार में लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है। सरकारी निकम्मेपन की वजह से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद-से-बदतर होती जा रही है। कोरोना संक्रमण से हुई मौतों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था चरमराई हुई है। एम्बूलेंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, मरीजों की जान खतरे में है। मुख्यमंत्री की टीम-इलेवन और टीम-नाइन लापता है। जनता की जिंदगी भगवान भरोसे चल रही है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार की तानाशाही से कर्मचारी वर्ग बुरी तरह असंतुष्ट है। समाजवादी सरकार ने मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल लाने-ले जाने के लिए 108 और 102 एम्बूलेंस सेवा शुरू की थी। भाजपा सरकार ने पहले तो बदले की भावना से एम्बूलेंस सेवा से समाजवादी शब्द हटाया फिर उसकी व्यवस्था को भी बिगाड़ना शुरू कर दिया। सरकारी कृपा से एम्बूलेंस सेवा को संचालित करने वाली पहली एजेंसी से छीनकर अब इसका संचालन कार्य दूसरी एजेंसी को सौंप दिया गया है जो अपनी मनमानी शर्तों पर इस सेवा को चलाना चाहती है।

यादव ने कहा कि एम्बूलेंस सेवा के पुराने कर्मचारियों की छंटनी कर नई भर्ती करने और अपनी शर्तों पर काम चलाने का दबाव पुराने कर्मचारियों को अमान्य है। वे हड़ताल पर चले गए हैं। सरकार उनकी मदद करने के बजाय उनको प्रताड़ित करने पर तुली हैं। पुराने एम्बूलेंस कर्मचारियों का वेतन भी रोका जा रहा है। इससे सैकड़ों परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्बूलेंस सेवा के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण राजधानी समेत अन्य जिलों में मरीजों की हालत गम्भीर होती जा रही है। कईयों की तो सांसे भी थम गई है। तीमारदार काॅल करते रहे, कहीं सुनवाई नहीं हुई। मरीज को ट्रैक्टर, रिक्शे और गोद में लेकर लोग अस्पताल पहुंचे रहे हैं।

भाजपा सरकार पूरी तरह संवेदनहीन है। इस सरकार में संविदा कर्मियों का शोषण हो रहा है। उन्हें कार्यदाता एजेंसिया निर्धारित वेतन-मानदेय भी नहीं देती है। समय से वेतन नहीं बंटता है। जल निगम कर्मियों और पर्यटन विभाग के कर्मियों का कई-कई महीनों का वेतन बकाया हैं। 70 लाख नौकरियों का वादा करके सिर्फ झांसा दिया गया। 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण न देकर पिछड़ों, दलितों का रोजगार छीन लिया गया है। इसलिए समाज का हर वर्ग भाजपा सरकार को हटा कर अब समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का मन बना चुका है।