Malvika Bansod Biography  : कौन हैं मालविका बंसोड़ ? कई उपलब्धियां हैं इनके नाम 

मालविका बंसोड़ ने महज 8 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। मालविका बैडमिंटन के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाना चाहती है। बैडमिंटन खेलने के साथ-साथ मालविका बंसोड़ अपनी पढ़ाई भी उतनी ही लगन से करती हैं...

Malvika Bansod Biography  : कौन हैं मालविका बंसोड़ ? कई उपलब्धियां हैं इनके नाम 

फीचर्स डेस्क। मालविका बंसोड़ महाराष्ट्र की रहने वाली है और वह अंडर-13 और अंडर-17 लेवल पर स्टेट चैंपियनशिप जीत चुकी हैं। बता दें कि मालविका बंसोड़ 20 साल की उम्र में भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल (Saina Nehwal) को हरा कर पहली बार चर्चा में आई थी। पीवी सिंधु (PV Sindhu) के बाद मालविका बंसोड़ ऐसी दूसरी भारतीय है, जिसने साइना नेहवाल को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन सर्किट में कोर्ट पर हराया हो। अब जान लेते हैं मालविका बंसोड़ कहाँ की रहने वाली है? (Where is Malvika Bansod from?) और उनका अब तक का करियर कैसा रहा है? इसके अलावा हम मालविका बंसोड़ के रिकॉर्ड (Records of Malvika Bansod), मालविका बंसोड़ के अवार्ड्स (Awards of Malvika Bansod) और मालविका बंसोड़ की उपलब्धियों (Malvika Bansod achievements) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे। तो चलिए पढ़ते हैं मालविका बंसोड़ के बारें पूरा डेटेल्स...

मालविका बंसोड़ जीवनी (Malvika Bansod Biography)

मालविका बंसोड़ का जन्म 15 सितंबर 2001 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। वहीं बात करे मालविका बंसोड़ के परिवार (Malvika Bansod’s family) की तो मालविका बंसोड़ एक उच्च शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखती हैं और मालविका बंसोड़ के माता-पिता डेंटिस्ट हैं।

मालविका बंसोड़ शिक्षा (Malvika Bansod Education)

मालविका बंसोड़ ने महज 8 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। मालविका बैडमिंटन के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाना चाहती है। बैडमिंटन खेलने के साथ-साथ मालविका बंसोड़ अपनी पढ़ाई भी उतनी ही लगन से करती हैं। मालविका बंसोड़ ने अपनी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 90% से ज्यादा अंक हासिल किए हैं.

मालविका बंसोड़ करियर (Malvika Bansod Career)

मालविका बंसोड़ ने 8 साल की उम्र में बैडमिंटन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का फैसला लिया था। हालांकि शुरुआत में बैडमिंटन की ट्रेनिंग लेने के लिए मालविका बंसोड़ के सामने कई सारी परेशानियाँ थी। जैसे – ट्रेनिंग के लिए बहुत ज़्यादा सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट उपलब्ध नहीं थे और जो उपलब्ध भी थे, वहां पर्याप्त रोशनी का अभाव था। इसके अलावा बैडमिंटन की ट्रेनिंग देने वाले पर्याप्त कोच भी उपलब्ध नहीं थे। जो कोच थे, उनके पास ट्रेनिंग लेने के लिए इतने खिलाड़ी आते थे कि कोच सभी खिलाड़ियों पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाते थे।

हालांकि मालविका बंसोड़ ने इन सभी चुनौतियों का अच्छे से सामना किया और लगातार अभ्यास करके अपने खेल में निखार लेकर आई। मालविका बंसोड़ के माता-पिता ने भी उनका बहुत साथ दिया। मालविका बंसोड़ को बेहतर मदद करने के लिए उनकी माँ ने स्पोर्ट्स साइंस में मास्टर की डिग्री भी की। इस तरह मालविका बंसोड़ अपने मेहनत और माता-पिता के सपोर्ट से बैडमिंटन की एक बेहतरीन खिलाड़ी बनी।

मालविका बंसोड़ की उपलब्धियां (Achievements of Malvika Bansod)

मालविका बंसोड़ ने राज्य स्तर पर अंडर-13 और अंडर-17 लेवल पर स्टेट चैंपियनशिप में जीत हासिल की।

मालविका बंसोड़ ने भारतीय स्कूल गेम्स फेडरेशन की प्रतियोगिताओं में तीन गोल्ड मेडल जीते है।

मालविका बंसोड़ अब तक राष्ट्रीय स्तर की जूनियर और सीनियर वर्ग के टूर्नामेंट में मालविका नौ गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।

साल 2019 में मालविका बंसोड़ ने मालदीव में खेले गए इंटरनेशनल फ्यूचर सिरीज़ बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया।

साल 2019 में ही मालविका बंसोड़ ने नेपाल में खेले गए अन्नपूर्णा पोस्ट इंटरनेशनल सिरीज़ का खिताब भी अपने नाम किया।

मालविका बंसोड़ एशियन स्कूल बैडमिंटन चैंपयनशिप और साउथ एशियन अंडर-21 रीजनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।

मालविका बंसोड़ के अवार्ड्स (Awards of Malvika Bansod)

मालविका बंसोड़ ने अपने शानदार खेल के दम पर कई अवार्ड अपने नाम किए है। उन्हें महाराष्ट्र स्थित एक नॉन-प्रॉफिटेबल संगठन द्वारा नाग भूषण पुरस्कार, खेलो इंडिया टैलेंट डेवलपमेंट एथलीट अवार्ड और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) एथलीट अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

मालविका बंसोड़ के आदर्श (Models of Malvika Bansod)

मालविका बंसोड़, साइना नेहवाल को अपना आदर्श मानती है और उन्होंने साइना नेहवाल को देखकर ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। साइना नेहवाल के अलावा मालविका बंसोड़ दो बार के ओलंपिक चैंपियन लिन डैन को भी अपना आदर्श मानती है। उन्हें उम्मीद है कि वह किसी दिन लिन डैन से मिल पाएगी।