सांसदों और विधायकों को मर्यादा और गरिमा की सीमा पार नहीं करनी चाहिए : वेंकैया नायडू

सांसदों और विधायकों को मर्यादा और गरिमा की सीमा पार नहीं करनी चाहिए : वेंकैया नायडू

नयी दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जीवन के सभी क्षेत्रों में उच्च नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहन देने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि सांसदों और विधायकों तथा अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने आचरण में शिष्टता, मर्यादा और गरिमा की सीमा पार नहीं करनी चाहिए। नायडू ने उप राष्ट्रपति निवास पर गुजरात में बडौदा के ‘महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय ' में ‘राजनीतिक नेतृत्व और शासन’ में एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम के छात्रों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारतीय संसद और विधायिकाओं के माध्यम से दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “ सांसदों और विधायकों को कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए जो 'शिष्टता, मर्यादा और गरिमा' की लक्ष्मण रेखा पार करें।” उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने और देश सुशासन की प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने संसद और राज्य विधानसभाओं में बार-बार होने वाले व्यवधानों पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह की निष्क्रिय विधायिकाएं संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांत की जड़ पर प्रहार करती हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों और विधायकों को सरकार की आलोचना करने का पूरा अधिकार है लेकिन उन्हें कभी भी ' शिष्टता, मर्यादा और गरिमा ' की लक्ष्मण रेखा को पार नहीं करना चाहिए।