रामलला पहली बार चांदी के पालने पर विराजमान होकर झूला झूलेंगे : चम्पतराय  

रामलला पहली बार चांदी के पालने पर विराजमान होकर झूला झूलेंगे : चम्पतराय   

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला पहली बार चांदी के पालने पर विराजमान होकर झूला झूलेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर रामलला चांदी के हिंडोले पर विराजेंगे। जहां वह नागपंचमी अर्थात् कल से लेकर रक्षाबंधन पर्व तक उसी रजत जड़ित हिंडोले में अस्थायी मंदिर में झूला झूलेंगे। उन्होंने बताया रामलला के लिये 21 किलो चांदी का झूला बनाया गया है जो आज उन्हें समर्पित कर दिया गया है। पहली बार ऐसा हो रहा है जब रामलला चांदी के पालने पर विराजमान होकर झूला झूलेंगे।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि यह अयोध्या का प्रसिद्ध सावन झूला मेला पौराणिक और ऐतिहासिक है। श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया अर्थात् हरियाली तीज के दिन मणिपर्वत पर झूला पडऩे के साथ ही यहां पर अधिकांश मठ मंदिरों में झूलन प्रारंभ हो जाता है। उन्होंने बताया कि संत-महंत अपने-अपने मंदिरों में युगल सरकार को झूले पर पधारकर झुलाते हुए भाव विभोर होते हैं। साथ ही भक्तजन ठाकुर जी के झूलन झांकी का दर्शन कर अपना जीवन कृतार्थ बनाते हैं।

उन्होंने बताया कि वहीं रामलला के दरबार में श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन झूलनोत्सव की शुरुआत होती है जो श्रावण पूर्णिमा तक अपने फलक पर रहता है। दस दिनों तक रामलला पालने पर विराजमान होकर झूलते हैं। महासचिव ने कहा कि भगवान राम हम सभी के आराध्य हैं। लम्बे संघर्षों के बाद उनके भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसे देखकर सम्पूर्ण हिंदू समाज में खुशी की लहर है। जल्द ही रामलला का दिव्य मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा। जहां हम सब उनका दर्शन कर सकेंगे।