चैत्र नवरात्रि 2022 : क्या व्रत के दिनों में आप भी खाती है साबुदाना, इस बार बनाने से पहले जान लें साबुदाना की पूरी सच्चाई
व्रत के दिनों में अधिकतर सभी साबुदाना के बने व्यंजन बनाते है और खाते है। पर क्या साबुदाना वाकई शाकाहारी भोजन की श्रेणी में आना चाहिए? इसके बनने का प्रोसेस जानकर आप खुद निर्णय कीजिए….
फीचर्स डेस्क। नवरात्रि के व्रत का महत्वूर्ण आहार साबुदाना। लगभग सभी लोग व्रत में साबुदाना खाते है। सिर्फ खाते ही नहीं बल्कि साबुदाना का भोग भी मां को लगाते है। अगर हम आपसे ये कहें कि जो साबुदाना आप व्रत का आहार समझते है वो वाकई में व्रत में खाने योग्य ही नहीं है तो क्या होगी आपकी प्रतिक्रिया। शायद आपको हमारी बातों पर यकीन न हो पर जब आप खुद जानेंगी और इस आर्टिकल में पढ़ेंगी साबुदाना बनने की पूरी प्रक्रिया तो आप भी अगली बार साबुदाना को बनाने के बारे में हजार बार सोचेंगी।
क्यों खाते है व्रत में साबुदाना
व्रत में हमारी बॉडी को जरूरत होती है एनर्जी की। साबुदाना में होता है कार्बोहाइड्रेट जो कि फलों की तुलना में हमारी बॉडी को देता है ज्यादा ऊर्जा। इसलिए अधिकतर सभी लोग व्रत में साबुदाना से बने व्यंजन खाते है। पर क्या सच में साबुदाना व्रत में खाया जाना चाहिए? और क्या साबुदाना शाकाहारी है, या जो शाकाहारी है उनको साबुदाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए? कई सवाल आपके मन में घूम रहे होंगे। जवाब हम देंगे आपको।
इसे भी पढ़ें :- चैत्र नवरात्रि 2022: व्रत के नौ दिन रहना है हेल्थी तो ऐसे करें भोजन ग्रहण
समझिए इस बात को
अगर ये कहा जाएं कि साबुदाना एक वनस्पति है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं होगा।साबुदाना सागो पाम के एक पौधे के तने और जड़ में जो गूदा होता है उससे बनता है। लेकिन इसके बनने तक ये जिस प्रक्रिया से गुजरता है उसे जानने के बाद शायद ही आप इसे वनस्पति कह पाएंगे। पूरा प्रोसेस जानने के बाद आप साबुदाना को मांसाहारी भोजन की श्रेणी में रखेंगे। तमिलनाडु में बहुत मात्र में साबुदाना बनता है क्योंकि यहां सागो पाम पेड़ बहुत पाए जाते है।
फुल प्रोसेस
- फैक्ट्री में सबसे पहले सागो पाम पौधे की जड़ों को एकत्रित करते है।
- फिर इसका गूदा निकालकर साबुदाना बनाने के लिए महीनों इस गूदे को गड्ठों में सड़ाया जाता है।
- गड्ढे पूरी तरह से खुले होते है और उन पर लाइट्स लगाई जाती है।
- जिसके कारण लाइट्स के कीड़े गूदो में गिरते रहते है।
- इसके अलावा उस गूदे में सड़न के कारण सफेद रंग के जीव पैदा होते रहते है।
- और आपको पता उस गूदे को बिना कीड़े और जीव को अलग किए बिना पैरों से मसला जाता है जिससे सब जीव और कीड़े उस गूदे में मिल जाते है।
- फिर उस मसले हुए गूदे से आटा तैयार करके मशीन से साबुदाना की तरह गोल आकार दिया जाता है और फिर पॉलिश किया जाता है ताकि उनमें चमक आ सके।
अब पूरा प्रोसेस जानने के बाद आप खुद निर्णय कीजिए कि क्या साबुदाना व्रत में खाने योग्य है?
picture credit:google