यूरिक एसिड का काल है पान का पत्ता, पढ़ें इसके कई और फायदे

आपको भले ही यह जान कर हैरानी हो कि पान का पत्ता यूरिक एसिड में कैसे काम आएगा, लेकिन इसके बायोएक्टिव कंपाउंड हाइड्रोक्सीचैविकोल ....

यूरिक एसिड का काल है पान का पत्ता, पढ़ें इसके कई और फायदे

हेल्थ डेस्क। वैसे तो पान के पत्ते को माउथ फ्रेशनर के तौर पर भी यूज करते हैं। लेकिन, आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि यूरिक एसिड की समस्या में इसका इस्तेमाल फायदेमंद है। पान के पत्ते का दूसरा काम शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ कुछ हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालना भी है। इसी वजह से ये यूरिक एसिड की समस्या में भी काम कर सकता है। जी हां, आपको भले ही यह जान कर हैरानी हो कि पान का पत्ता यूरिक एसिड में कैसे काम आएगा, लेकिन इसके बायोएक्टिव कंपाउंड हाइड्रोक्सीचैविकोल (hyroxychavicol) जो कि एक पॉलीफेनोल शरीर में यूरिया की मात्रा को कम करने में मददगार है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे है। कैसे, जानते हैं...

यूरिक एसिड में पान के पत्ते के फायदे-

गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुणों से भरपूर

पान के पत्तों में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं जो कि गैस्ट्रिक अल्सर में इस्तेमाल किया जा सकता है। अपनी एंटीऑक्सीडेंट विशेषताओं के कारण, पान के पत्ते एंजाइमी गतिविधि को बढ़ा सकते हैं और प्यूरिन पचाने में मदद करते हैं। ये तेजी से प्रोटीन पचाने का काम करते हैं और प्यूरिन को शरीर में जमा नहीं होने देते। इस तरह ये प्यूरिन पचाने में मददगार हो सकता है।

डिटॉक्सिफायर है पान

पान में डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। यानी कि ये शरीर को तेजी से साफ करने और यूरिया को बाहर निकालने में मददगार है। इसके अलावा पान की एक खास बात यह है कि इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण गाउट के दर्द को कम करने में मददगार है। यूरिक एसिड में पान के पत्ते का सेवन काफी फायदेमंद है। इसका आप दो तरीके से सेवन कर सकते हैं। पहले तो आप इसका शरबत बना कर पी सकते हैं। दूसरा आप खाली पेट इनके पत्तों को चबा सकते हैं। ये दोनों ही मिल कर यूरिक एसिड की समस्या को कम करने में मदद करेंगे।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)