क्यों माना जाता गाय का पुराना घी अमृत, जानें आयुर्वेद एक्सपर्ट से 5 चमत्कारिक फायदे

कुछ लोग ताजा घी खाना पसंद करते हैं, तो कई लोगों को लगता है कि पुराना घी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है। क्या वास्तव में पुराना घी खाने से सेहत को लाभ हो सकता है? ऐसे में आज आप आयुर्वेदिक डॉक्टर से जान लीजिए सच...

क्यों माना जाता गाय का पुराना घी अमृत, जानें आयुर्वेद एक्सपर्ट से 5 चमत्कारिक फायदे

हेल्थ डेस्क। प्राचीन काल से खाने-पीने में देसी घी का इस्तेमाल किया जाता रहा है। गाय के दूध से बने घी को विशेष रूप से शरीर के लिए अमृत समान माना जाता है। आयुर्वेद में गाय के पुराने घी को तमाम औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। कई बीमारियों के इलाज में भी पुराना घी बेहद असरदार होता है। तमाम लोगों को लगता है कि पुराना घी एक्सपायर हो जाता है और उसका सेवन नहीं करना चाहिए, लेकिन यह सिर्फ गलतफहमी है। जानकारों की मानें तो गाय का घी जितना ज्यादा पुराना होगा, उतना ही ज्यादा शरीर को लाभ पहुंचाएगा। आज आयुर्वेद एक्सपर्ट से जानेंगे कि कितने साल पुराना देसी घी खाया जा सकता है और इससे सेहत को क्या फायदे हो सकते हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि घी किस वक्त खाना सबसे ज्यादा अच्छा होता है।

यूपी के अलीगढ़ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.  सरोज गौतम के मुताबिक गाय के दूध से बना घी जितना ज्यादा पुराना होगा, उतना ज्यादा सेहत के लिए फायदेमंद होता है। गाय का 100 साल पुराना घी सेहत के लिए अमृत की तरह काम कर सकता है। समय के साथ घी के औषधीय गुण बढ़ते जाते हैं और उनमें काफी बदलाव आता रहता है। सिर्फ गाय का ही नहीं, बल्कि भैंस के दूध से बना पुराना घी भी लाभकारी हो सकता है। आयुर्वेद में दिमाग से जुड़ी कई बीमारियों से इलाज में पुराने घी का इस्तेमाल किया जाता है। महज कुछ बूंद घी नाक में डालने से ब्रेन को तेज और हेल्दी रखने में मदद मिल सकती है। घी खाना भी दिमाग के लिए अच्छा माना जाता है। सभी लोग थोड़ी मात्रा में दिन में किसी भी वक्त घी का सेवन कर सकते हैं।

ऐसे मरीजों के लिए अमृत है पुराना घी

– मिर्गी के मरीजों के लिए पुराना घी बेहद लाभकारी है। आयुर्वेद में घी की कुछ बूंदें नाक में डालकर ऐसे मरीजों का इलाज किया जाता है।

– ब्रेन डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों के इलाज में भी पुराना घी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे मरीजों की नाक में भी घी की कुछ बूंदें डाली जाती है।

– बॉडी की स्किन में ड्राइनेस की समस्या काफी कॉमन हो गई है।  आयुर्वेद में स्किन की ड्राइनेस को दूर करने के लिए लोगों को घृत (घी) पिलाया जाता है।

– कब्ज के मरीजों के लिए पुराना घी रामबाण इलाज हो सकता है। रात को दूध में घी मिलाकर पीने से कब्ज की परेशानी से काफी राहत मिल सकती है।

– अगर आपकी याददाश्त कमजोर हो रही है, तो आप घी का सेवन कर सकते हैं। घी हमारे दिमाग के लिए बेहद लाभकारी है और मेमोरी तेज करता है।

कैसे कर सकते हैं पुराने घी का सेवन?

डॉ. सरोज गौतम कहती हैं कि अपने खाने-पीने की चीजों में मिलाकर घी का सेवन किया जा सकता है। सुबह-शाम घी का सेवन किया जा सकता है। अगर आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है, तो रात को सोते समय दूध में 1-2 चम्मच घी मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपका पेट सुबह अच्छी तरह साफ हो जाएगा और पाचन तंत्र को मजबूती मिलेगी।  अगर आपको कब्ज की समस्या है, तो सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच घी डालकर पीने से भी फायदा हो सकता है।  कम मात्रा में सभी लोग घी का सेवन कर सकते हैं। अगर किसी को गंभीर बीमारी है, तो वे लोग इस बारे में डॉक्टर की सलाह लें।