Tag: sahitya
भविष्य पर प्रश्न चिन्ह
मैं किताबों का क्रेता नहीं बल्कि अपनी किताबों का विक्रेता बनकर आया हूँ। खबर लगी थी कि शहर में बस आप ही की दुकान ठीक-ठाक चल रही है,...
संस्मरण:बारिश का मौसम
नौकरी की मजबूरी थी इसलिए जाना पड़ा । यहाँ आए हुए एक हफ्ता ही हुआ था ।क्वार्टर ना मिलने के कारण रोज बस से आना -जाना करती थी। बारिश...
सपनो का ब्याज
सच में पढ़ी लिखी अपने पैरों पर खड़ी बेटियाँ बेटो से किसी मायने में कम नहीं है।एक वो भी समय था जब बेटी के लालन पालन से ज़्यादा फ़िक्र...
किस्मत का खेल
इधर सुहानी पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार चालू पर वो सहनशक्ति की मूरत सब सहन करती जा रही थी । अक्सर बिना कारण जेठानी देवर की पसंद होने...