Success Story:  पेशे से वकील उपमा  ने खोली चाय की दुकान, लोग हो गए दीवाना, जीत चुकी हैं बिजनेस वूमन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड

उपमा ने चाय के साथ ही उन्होंने अपना ऑनलाइन रिटेल स्टोर खोल लिया है। वे भारत के फूड, कैफे, हेल्थ से जुड़े प्रॉडक्ट की सप्लाई करती हैं। हालांकि आज भी उनका मुख्य पेशा वकालत ही है....

Success Story:  पेशे से वकील उपमा  ने खोली चाय की दुकान, लोग हो गए दीवाना, जीत चुकी हैं बिजनेस वूमन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड

फीचर्स डेस्क। अगर जीवन में सफल होना है तो यह बात मान लेना चाहिए कि काम तो काम होता है। शारुख खान का वो डालाग तो याद ही होगा कि “मेरी अम्मी जान कहा करती थी कि धंधा कोई छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता”। दरअसल, हम कुछ भी करें पूरे मन से करें क्योकि हमारा नजरिया ही किसी भी धंधे को छोटा और बड़ा बनाता है। आज भले ही कोई काम छोटा हो लेकिन आप में लगन है और पूरे सिद्दत से करती हैं तो एक दिन वही बड़ा हो जाएगा। हाँ, किसी छोटे बिज़नेस को कैसे मुकाम पर पहुंचाकर एक मिसाल कायम कैसे की जाती है इस बात को कोई उपमा विर्दी से सीखे।

ऑस्ट्रेलिया से की हैं लॉ की पढ़ाई

बता दें कि चंडीगढ़ में पैदा हुई उपमा  विर्दी, वैसे तो पेशे से वकील रह चुकी है लेकिन आज उनकी जो पहचान है वह चाय के बिज़नेस से है। उपमा अपनी शुरूआती पढ़ाई करने के बाद लॉ की पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया चली गई। ऑस्ट्रेलिया में रहने के दौरान उनको एहसास हुआ कि ऑस्ट्रेलिया में अच्छी चाय बहुत कम जगह मिलती है। बस यही बात इनके दिमाग में जा बैठी फिर उपमा ऑस्ट्रेलिया की इस समस्या को दूर करने को ठान ली। फिर ऑस्ट्रेलिया में ही एक चाय की स्टॉल (Tea-Stall) खोलने का प्लान किया। हलाकि उपमा  के लिए यह आसान नहीं था क्योकि परिवार के लोगों को यह बिलकुल पसंद नहीं था कि उपमा चाय की स्टॉल का बिजनेस स्टार्ट करें।

 उपमा को चाय बेचने का आइडिया कहाँ से आया

बता दें कि यह आइडिया उपमा को (Business Idea) अपने दादाजी से मिला। उनके दादाजी चंडीगढ़ में आयुर्वेदिक दवाएं बेचते थे और उन्होंने बताया था कि चाय में कौन - कौन से मसाले किस मात्रा में ड़ालने चाहिए। फिर क्या था उन्होंने इस नुस्खे को अपनाते हुए चाय का बिज़नेस शुरू कर दिया। उपमा ने ऑस्ट्रेलिया में टी-फेस्टिवल (Tea Festival) के दौरान कहा था कि - मैं यहां के लोगों को बताना चाहती हूं कि भारतीय चाय (Indian Tea) का स्वाद सबसे अलग होता है, क्योंकि हम भारतीय चाय को स्वादिष्ट और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उसमें इलायची(Cardamom), लौंग (Clove) इत्यादि जैसी चीज़ों का इस्तेमाल करते हैं। उपमा नौकरी से बचे समय में अपनी चाय, दफ्तरों, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल्स, कैफे में पहुंचाने लगी।

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 सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए चाय बेचने की शुरुआत की

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि जब वो ऑस्ट्रेलिया आयी तब उन्हें घर की चाय बहुत ज्यादा याद आ रही थी, जिसके बाद उन्होंने इस बिज़नेस के बारे में सोचा। उपमा ने सोशल मीडिया कैंपेन (Social Media Campaign)  के जरिए चाय बेचने की शुरुआत की थी। वो दुनिया को दिखा देना चाहती हैं कि चायवाले भी कुछ कर सकते हैं।

बिजनेस वूमन ऑफ द ईयर का मिल चुका है अवॉर्ड

उपमा विर्दी यह आइडिया इतना सक्सेसफुल हुआ कि उन्हें बिजनेस वूमन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिल गया। इतना ही नहीं फोर्ब्स जैसी मैग्जीन ने उन्हें 30 अंडर 30 की लिस्ट में शामिल किया। आज ऑस्ट्रेलिया में उनकी चाय की अच्छी खासी फैन फॉलोइंग हो गई है। उन्होंने अपने ब्रैंड का नाम रखा, 'चाय वाली'। यह नाम सुनने में थोड़ा अजीब भले ही लगता हो, लेकिन इस नाम ने उन्हें सफलता और प्रसिद्धि दोनों दिलाई। उपमा कहती हैं कि भारत में लाखों लोग चाय बेचने का काम करते हैं। भले ही उनके पास अच्छी एजुकेशन न हो, लेकिन उनकी बिजनेस स्पिरिट शानदार होती है। उनका मानना है कि महिलाएं अभी भी बिजनेस के क्षेत्र में कम ही हैं, इसलिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। उपमा बताती हैं कि उन्हें चाय से कुछ ज्यादा ही लगाव है। वे जहां भी जाती हैं अपनी चाय खुद बनाती हैं। उन्होंने बताया कि भाई की शादी में मेहमानों को पिलाने के लिए हजारों कप चाय बनानी पड़ी थी।

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