शिवमणि का शंखनाद : शिवमणि ने ड्रम व यू. राजेश ने मैंडोलिन से हनुमत दरबार को किया झंकृत

संकटमोचन मंदिर का भव्य दरबार, मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, इनमें हनुमान जी का दर्शन करने के साथ ही बनारस के संगीत रसिकों का हुजूम... अवसर था, संकटमोचन संगीत समारोह की दूसरी निशा का...

शिवमणि का शंखनाद : शिवमणि ने ड्रम व यू. राजेश ने मैंडोलिन से हनुमत दरबार को किया झंकृत

वाराणसी सिटी। इस वर्ष संकटमोचन संगीत समारोह का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। संकटमोचन संगीत समारोह की दूसरी निशा में मंगलवार को कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण थे चेन्नई से आये प्रख्यात ड्रम वादक पं. शिवमणि व उनके साथ चेन्नई के ही यू. राजेश मैंडोलिन रहे। सायंकाल निर्धारित समय पर 7.30 बजे ड्रम वादक पं. शिवमणि व यू. राजेश का मंच पर पदार्पण हुआ। सिर पर सफेद रूमाल व लाल कुर्ता पहेन शिवमणि व काले परिधान में जब यू.राजेश का मंच पर पदार्पण हुआ तो मंदिर में बैठे श्रोताओं ने उनका अभिवादन हर-हर-महादेव और जय हनुमान के जयघोष से किया। इसके जवाब में दोनों कलाकारों ने भी दर्शकों का अभिवादन किया। मंच पर आते ही कलाकारों ने वाद्य यंत्रों को सजाया और संवारा। इसके साथ ही प्रख्यात कलाकार शिवमणि ने ड्रम और यू. राजेश ने मैंडोलिन पर अपना जादू बिखेरा। शिवमणि ने कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद से किया। इसके बाद मंदिरों में बजने वाले घंट-घड़ियाल को भी वाद्य यंत्रों से बजाया। वे ड्रम के साथ बाल्टी पर भी धुन निकालते रहे।  शिवमणि ने ड्रम के अलावा कई वाद्य यंत्रों के माध्यम से श्रोताओं को बांधे रखा।

यू. राजेश ने भी मैंडोलिन से सभी को सम्मोहित किया। मंगलवार होने के कारण भी संकटमोचन मंदिर में भारी भीड़ उमड़ी थी। कार्यक्रम स्थल पर कहीं भी जगह नहीं बची थी। जिन्हें वहां जगह नहीं मिली थी उन लोगों ने मंदिर के बाहर अथवा अन्य जगहों पर बैठ कर इसका आनंद लिया। हर कोई शिवमणि के ड्रेम का जादू देखने को उत्सुक था। शिवमणि व यू. राजेश ने भी श्रोताओं को निराश नहीं किया और वाद्य यंत्रों से सभी को अच्चम्भित करते रहे।

दर्शक दीर्घा से बीच-बीच में तालियों की गड़गड़ाहट व हर-हर-महादेव का उद्घोष होता रहा। कलाकारों का स्वागत संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने किया। कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति चेन्नई से आयी प्रसिद्ध नृत्यांगना श्रीमती श्रीशा शशांक का भरतनाट्म की प्रस्तुति हुई। उन्होंने अपने सहयोगी कलाकारों संग भरतनाट्यम की प्रस्तुति कर सभी को भावविभोर कर दिया। इसके बाद कोलकाता से आये अरमान खान का गायन हुआ। उन्होंने अपनी गायकी से वहां मौजूद श्रोताओं के बीच अपनी छाप छोड़ी। उनके साथ यशवंत वैष्णव (तबला-मुंबई) व विनय मिश्र (संवादिनी-दिल्ली) तथा विनायक सहाय (सारंगी-जालधंर) ने बखूबी संगत की। कार्यक्रम का संचालन साधना श्रीवास्तव कर रही थीं।