महिला सिपाही के मर्डर का खुला राज, क्राइम ब्रांच ने हेड कांस्टेबल को किया गिरफ्तार

हत्या के बाद आरोपी कांस्टेबल ने महिला के शव को नाले में छुपाया था। वही दिल्ली पुलिस ने अब आरोपी कांस्टेबल की निशानदेही पर 2 साल के बाद मृतक महिला कांस्टेबल के कंकाल को बरामद किया है। इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच ने दी है...

महिला सिपाही के मर्डर का खुला राज, क्राइम ब्रांच ने हेड कांस्टेबल को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपने ही एक हेड कांस्टेबल को महिला कांस्टेबल की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी हेड कांस्टेबल को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है, जिसने वर्ष 2021 में एक महिला कांस्टेबल की हत्या को अंजाम दिया था। हत्या के बाद आरोपी कांस्टेबल ने महिला के शव को नाले में छुपाया था। वही दिल्ली पुलिस ने अब आरोपी कांस्टेबल की निशानदेही पर 2 साल के बाद मृतक महिला कांस्टेबल के कंकाल को बरामद किया है। इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच ने दी है। मीडिया से बात करते हुए क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि इस हत्या का आरोपी सुरेंद्र सिंह राणा है जो कि दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात है।

आरोपी ने घटना को अंजाम देने के बाद ऐसा जाल बिछाया की जांच में किसी को उसे पर शक नहीं हुआ। आरोही परिवार की शादी के फंक्शन में भी पहुंचा ताकि उसे पर किसी को शक ना हो। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने साजिश में अपने साले रविंद्र को भी शामिल किया था। आरोपी का साला मृतका के परिवार को फोन कर बताता था कि हम साथ हैं और जल्द ही वापस लौटेंगे। जाने दो ना मिलकर दुनिया को गुमराह कर रहे थे।

जानकारी के मुताबिक आरोपी का साला रविंद्र पीड़िता के परिवार को बताता था कि हमें अपने परिवार से खतरा है इसलिए हम भाग गए। बता दे कि आरोपी ने मृतका की आवाज की रिकॉर्डिंग भी की थी ताकि परिवार को उसकी आवाज सुन कर गुमराह कर सके। और परिवार को भरोसा दिला सके की लड़की ठीक है।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक अमृत का 2014 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई थी। दोनों पीसीआर में तैनात थे जहां उनकी जान पहचान हुई। वर्ष 2019 में मृतका ने रिजाइन दे दिया था क्योंकि उत्तर प्रदेश में सब इंस्पेक्टर के पद पर उसकी तैनाती हो गई थी। बता दे की मृत्यु का यूपीएससी की तैयारी भी कर रही थी और मुखर्जी नगर में पीजी में रहती थी।

मुखर्जी नगर में ही आरोपी मृतका से मिलने जाता था। इसी बीच 8 सितंबर को आरोपी ने मृतका की अलीपुर में सुनसान जगह पर गला घोंटकर हत्या कर दी। अमृत का कैलाश को नाले में छुपा दिया और उसे पर पत्थर डाल दिए। पुलिस ने सबसे पहले मामले में राज्यपाल को पड़ा जिसके नाम पर फर्जी आईडी के जरिए नंबर फोन नंबर लिया गया था जिसके बाद में परत दर परत मामला खुलता गया।