रामनगरी : अयोध्या में प्रवेश करते ही होगा रामजन्मभूमि का अहसास, करोड़ों की लागत से बनाए जाएंगे 35 रामस्तंभ

रामनगरी : अयोध्या में प्रवेश करते ही होगा रामजन्मभूमि का अहसास, करोड़ों की लागत से बनाए जाएंगे 35 रामस्तंभ

अयोध्या/लखनऊ। पूरी अयोध्या नगरी भव्य तरीके से विकसित हो रही है। राममंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को यहां की समृद्ध विरासत, संस्कृति की भी झलक दिखे, इसकी भी तैयारी है। इसी क्रम में रामनगरी अयोध्या में 35 स्थानों पर ‘श्रीरामस्तंभ’स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए स्थान चिन्हित किए जा चुके हैं। अयोध्या में प्रवेश करते ही रामजन्मभूमि का अहसास भक्तों को होगा। राममंदिर जाने वाले प्रमुख मार्गों को स्मार्ट रोड के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन रास्तों को रामपथ, जन्मभूमि पथ, धर्मपथ व भक्तिपथ का नाम दिया गया है। इन सभी मार्गों पर जगह-जगह श्रीरामस्तंभ स्थापित किए जाने की योजना अयोध्या विकास प्राधिकरण ने बनाई है। इन रास्तों पर कुल 35 स्थान तय किए गए हैं। जहां 2.10 करोड़ की लागत से ये स्तंभ स्थापित किए जाएंगे। इन स्तंभों में जटिल नक्काशीदार डिजाइन होगी, जो देश भर के लोकप्रिय मंदिरों की दीवारों पर देखे जाते हैं।

सहादतगंज से जैसे ही भक्त प्रवेश करेंगे उन्हें ये अहसास हो जाएगा कि यह राममंदिर जाने वाला प्रमुख मार्ग है। मार्ग देखकर यह अनुमान हो जाएगा कि यह रास्ता श्रीरामजन्मभूमि की ओर जा रहा है। इन मार्गों पर सफर करने वाले श्रद्धालुओं को रामायणकालीन अनुभूमित होगी। प्राधिकरण ने रामपथ, धर्मपथ, जन्मभूमि पथ व भक्तिपथ का चयन किया है, क्योंकि यह मुख्य सडक़ होगी जो तैयार होने के बाद लखनऊ-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग को राममंदिर से जोड़ेगी।

20 फीट ऊंचे होंगे श्रीराम स्तंभ

श्रीराम स्तंभ रामनगरी में स्थापित होने वाले श्रीरामस्तंभ प्रकाश स्तंभ की तरह होंगे। फाइबर व स्टील पैनल से बनने वाले स्तंभों की ऊंचाई 20 फीट होगी। इन्हें इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि इन पर राम व रामनगरी का प्रतिबिंब दिखे। स्तंभ के सबसे ऊपर 10 मिमी. मोटी ग्लास लाइट जाएगी, जो रात में प्रकाशमान होगी तो स्तंभ की विशेषता भी निखर कर सामने आएगी।

 राम के जीवन प्रसंगों से सजेंगे चौक-चौराहे

रामनगरी के सभी चौक-चौराहे रामायण कालीन दृश्यों से सजेंगे। निर्माणाधीन पथों व चौराहों पर भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित भित्तिचित्र बनाए जाने की योजना है। अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर कराई गई आर्ट प्रतियोगिताओं व विभिन्न आर्किटेक्चरों के माध्यम से प्राप्त डिजाइनों और कलाकृतियों को मूर्ति व भित्तिचित्र के माध्यम से उकेरा जाना है। रामपथ सहित अन्य पथों को विभिन्न सेक्टरों में बांटकर अलग-अलग कार्यदाई संस्थाओं द्वारा सजावट की जाएगी।

मील के पत्थर की तरह काम करेंगे

यहां स्थापित होने वाला श्रीरामस्तंभ मील के पत्थर के रूप में काम करेंगे। शहर की समृद्ध विरासत, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत का सार प्रदर्शित करेंगे। स्तंभ निर्माण के लिए टेंडर निकाला जा चुका है। राममंदिर के उद्घाटन से पहले रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ व श्रीरामजन्मभूमि पथ सज-धज कर भक्तों को रामायण युग की अनुभूति कराते नजर आएंगें। -विशाल सिंह, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण।