रक्षाबंधन 2023 : राशि के अनुसार बांधे भाई के कलाई पर राखी, पढ़ें क्या कहते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट

आइए ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी से जानते हैं कि इस वर्ष रक्षाबंधन कब है और किस समय बहन से भाई अपनी कलाई पर रक्षा सूत्र बंधवाए...

रक्षाबंधन 2023 : राशि के अनुसार बांधे भाई के कलाई पर राखी, पढ़ें क्या कहते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट

फीचर्स डेस्क। रक्षा बंधन का त्योहार सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है इसलिए इसे सावनी या सलनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन का पर्व इस बार 30 या 31 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा राखी बंधने का शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या उपाय करे जिससे जीवन से बाधा कम या दूर हो साथ ही जानेगे की सभी राशि के अनुसार क्या उपाय करे जो हितकारी हो ? रक्षाबंधन के दिन रक्षा सूत्र के बांधने का समय या मुहूर्त का बहुत बड़ा योगदान होता है। कोई भी कार्य यदि सही समय पर किया जाए तो उसका विशेष फल मिलता है। भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन की तारीख और शुभ मुहूर्त को लेकर अगर आपके मन में भ्रम है तो यहां हम आपको बताते है की कब क्या करना है। इस बार राखी के त्योहार पर भद्रा काल लग रही है। जिसके चलते लोगों में असमंजस है कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और तारीख क्या है। आइए ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी से जानते हैं कि इस वर्ष रक्षाबंधन कब है और किस समय बहन से भाई अपनी कलाई पर रक्षा सूत्र बंधवाए...

जानें कब बांधें राखी ?

धर्म शास्त्रों के अनुसार, शुभ मुहूर्त में भद्रा लगने पर राखी बांधना अशुभ माना जाता है। भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त-30 अगस्त 2023 रात 09:01 से 31 अगस्त सुबह 07:05 तक रहेगा। परन्तु 31 अगस्त को सावन पूर्णिमा सुबह 07: 05 मिनट तक है, इस समय भद्रा काल नहीं है। ज्योतिष के अनुसार ऐसे में 31 अगस्त को बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। इस प्रकार साल 2023 में 30 और 31 अगस्त दोनों दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।

इस काल में न बांधे राखी

रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 दोनों ही दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा। 30 अगस्त को शुभ मुहूर्त शुरू होते ही इस पर भद्रा का साया लग जाएगा, जो रात 9 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा लगने के कारण इसमें राखी बांधना शुभ नहीं होता। रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, इस समय भूलकर भी न बांधे भाई को राखी, जानें शुभ मुहूर्त।

श्रावणी पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन की तिथि बहुत ही विशेष होती है

सामान्य रूप से लोग पूर्णिमा की तारीख तो देख लेते हैं और त्योहार को दिन भर अपनी सुविधा के अनुसार मनाते हैं, जो कि ठीक नही है। पूर्णिमा के दिन यदि भद्रा काल हो तो उसका समय निकल जाने के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई में राखी बांधनी चाहिए रक्षा बंधन का त्योहार बहन-भाई के सम्बन्ध को सदा जीवित रखता है और प्रेम में बांधे रखता है। यह एक दूसरे के प्रति प्रेम, विश्वास, आशा और बलिदान को जाग्रत करता है। बहन अपने भाई के लिए सदा मंगल कामना करती है व भाई-बहन के लिए रक्षा के वचन देता है। रक्षा सूत्र को सामान्य बोलचाल की भाषा में राखी कहा जाता है जो वेद के संस्कृत शब्द ‘रक्षिका‘ का अपभ्रंश हैं। इसका अर्थ है- रक्षा करना, रक्षा करने को तत्पर रहना या रक्षा करने का वचन देना। धागा मात्र अचेतन वस्तु न होकर सिल्क या सूत के कई तारों को पिरोकर तैयार होता है। यह भावनात्मक एकता का प्रतीक है इसलिए इसे पवित्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्रावणी पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन की तिथि बहुत ही विशेष होती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। ये उपाय बहुत ही सरल हैं। रक्षाबंधन पर इन्हें करने से कई प्रकार के कष्ट दूर किए जा सकते हैं।

ये उपाय इस प्रकार है

  1. रक्षाबंधन पर चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने से मन स्थिर होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए रक्षाबंधन पर भाई को अपनी बहन के हाथ से एक गुलाबी रंग के कपड़े में चावल, सुपारी और एक रुपए का सिक्का लेकर इसे बांधकर तिजोरी में या जहाँ अपना धन या कीमती सामान रखते है वहां रखना चाहिए।
  3. बहने अपने भाई को नजर दोष से बचाने के लिए फिटकरी लें और फि उसे सात बार भाई के ऊपर से उतार कर उस फिटकरी को चूल्हे में जला दें, या किसी चौराहे पर फेंक दें। ऐसा करने से नजर दोष दूर होता है।
  4. रक्षाबंधन पर ॐ सोमेश्वराय नम: मंत्र का जाप कर दूध का दान करने से चंद्र दोष समाप्त हो जाता है। ऐसा करने से आपको मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगा और माता का सुख भी प्राप्त होगा।
  5. रक्षाबंधन की सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करें। जल में लाल फूल और चावल भी डालें।
  6. रक्षाबंधन की सुबह स्नान के बाद किसी हनुमान मंदिर जाएं और हनुमानजी को नारियल, मिठाई चढ़ाएं। एक राखी हनुमानजी को बांधें और बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें। साथ ही, हनुमान चालीसा का पाठ भी करें।
  7. गाय को हरी घास खिलाएं और किसी गरीब को खाना खिलाएं। किसी गौशाला में धन का दान करें।
  8. इस दिन सुबह स्नान के बाद घर के देवता, पितृ और सप्त ऋषियों के लिए पूजा पाठ अवस्य करें।

अपनी राशि के अनुसार रक्षाबंधन पर करें ये उपाय

मेष: भाई-बहन एक दूसरे को पिस्ता और बादाम खिलाएं।

वृष: भाई-बहन एक दूसरे को सफेद-पीले रंग के वस्त्र भेंट करें।

मिथुन: भाई-बहन एक दूसरे की दीपक जलाकर आरती करें।

कर्क: 5 रूपए के सिक्के पर इत्र लगाकर भाई-बहन एक दूसरे को भेंट करें।

सिंह: भाई-बहन एक दूसरे को मिश्री और इलायची खिलाएं।

कन्या: भाई-बहन एक दूसरे को लाल चंदन से तिलक करें।

तुला: भाई-बहन एक दूसरे को केसर से तिलक करें।

वृश्चिक: भाई-बहन एक दूसरे को काजल और अष्टगंध से टीका करें।

धनु: भाई-बहन एक दूसरे को इत्र या सुदंधित द्रव्य भेंट करें।

मकर: भाई-बहन एक दूसरे को पीले और गुलाबी वस्त्र भेंट करें।

कुंभ: भाई-बहन एक दूसरे को गुड़ खिलाएं।

मीन: भाई-बहन एक दूसरे को नारियल और मिश्री भेंट करें।

इनपुट सोर्स : ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखाशास्त्री विनोद सोनी पौद्दार, भोपाल सिटी।