सीएम योगी ने कहा: अब यूपी के माध्यमिक विद्यालयों का होगा कायाकल्प, शिक्षक करेंगे सीएसआर फंड कि निगरानी

सीएम योगी ने कहा: अब यूपी के माध्यमिक विद्यालयों का होगा कायाकल्प, शिक्षक करेंगे सीएसआर फंड कि निगरानी

लखनऊ। आज से सात साल पहले माध्यमिक स्कूलों की स्थिति ऐसी थी कि बच्चे स्कूल में आने से भी डरा करते थे। अकसर इन स्कूलों में पेड़ और झाड़ियां उगी रहती थी। बच्चों के नामांकन में गिरावट थी, फिर बीजेपी सरकार आई तो उन्हीं विद्यालयों का कायाकल्प हुआ है। आज वहां बच्चों की संख्या 60 लाख बढ़ी है। बेसिक शिक्षा में परिवर्तन दिखता है, अब बारी माध्यमिक शिक्षा की है। माध्यमिक विद्यालयों के लिए ऑपरेशन कायाकल्प फेज 2 चलाया जाएगा। ऐसा कहना है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का।  

 नकल का अड्डा कोई और चलाता था, बदनाम शिक्षक होता था

बता दें कि ये बातें बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री बेसिक विद्यालय के 1.91 करोड़ बच्चों को यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूते मोजे, स्टेशनरी के लिए 2300 करोड़ रुपए डीबीटी करने के दौरान कहा। सीएम ने कहा कि माध्यमिक में नकल विहीन परीक्षा हुई है। पहले नकल का अड्डा कोई और चलाता था, बदनाम शिक्षक होता था। माध्यमिक के राजकीय व एडेड विद्यालयों की, संस्कृत विद्यालयों की स्थिति कार्ययोजना बनाकर सुधारें। इसके लिए सीएसआर फंड, पूर्व छात्रों, सांसद-विधायक निधि का प्रयोग करें।

सीएसआर फंड से मिला 250 करोड़

बेसिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए संस्थानों ने सीएसआर फंड के रूप में इस साल 250 करोड़ रुपए दिये हैं। दरअसल, फंड देने वाले पहले भी थे लेकिन इसकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं था। बता दें कि अब परिषदीय विद्यालयों में पहले की अपेक्षा बच्चों की संख्या 1.30 करोड़ से बढ़कर 1.91 करोड़ हो गई है। अब अमल सरकार को करना होगा कि इस संख्या को बढ़ाने के साथ, बच्चों की पढ़ाई कैसे जारी रखना है।

जारी की गई राशि की निगरानी करेंगें शिक्षक 

डीबीटी के माध्यम से जो पैसा यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और स्टेशनरी के लिए भेजा जाएगा उसकी निगरानी शिक्षकों को दी गई है। ऐसे में शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे नियमित रूप से यूनिफॉर्म में स्कूल आएं। इसके साथ ही शिक्षकों को समय सीमा का भी ध्यान रखना होगा। ताकि समयसीमा में बच्चे यूनिफॉर्म, किताबें, जूते-मोजे पा सकें। दो-तीन वर्ष पहले तक यह शिकायत आती थी कि यूनिफॉर्म नहीं मिल पा रहा, बुक्स नहीं मिल पा रही है।

गरीबी दूर करने में प्रमुख पैरामीटर बनी है शिक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि छह साल में 5.50 करोड़ लोग गरीबी से मुक्त होकर सक्षम बने हैं। इसमें जो पैरामीटर तय किया है, वह था शिक्षा। हमने शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन किए गए हैं। आगे पांच-दस साल में और बेहतर बदलाव दिखेंगे। आकांक्षात्मक जिलों में भी काफी बदलाव देखने को मिला है।

6 वर्ष में की गईं 1.64 लाख शिक्षकों की भर्ती 

सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले की स्थिति क्या थी, शिक्षकों की भारी कमी थी। मुझे आश्चर्य होता है कि कुछ लोग इस बात की चर्चा करते हैं कि 5 वर्ष से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई। पिछले 6 वर्ष में एक लाख 64 हजार शिक्षकों की भर्ती बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद में हुई है। जो लोग रिटायर हो रहे हैं, जहां अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता होती है, वहां पर निरंतर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी के लिए प्रदेश के अंदर एक शिक्षा आयोग बनाने की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है और बहुत जल्द हम इसका गठन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही समय समय पर शिक्षकों के रिफ्रेशर कोर्स चलाने चाहिए। शिक्षक यदि अपडेट होगा तो वो पूरी पीढ़ी को अपडेट कर देगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि डायट खाली न हो, योग्य शिक्षक जाएं। उन्हें अतिरिक्त सुविधाएं दीजिए। शिक्षकों को और पारंगत करने के लिए वहां जो भी गैप है उसे पूरा करना होगा। आज जो किताबें यहां विमोचित हुई हैं, वो हर विद्यालय में उपलब्ध कराई जाएं और शिक्षक भी उसे अवश्य पढ़ें।