mahashivratri 2023 : विभिन्न वस्तुओं से बनें शिवलिंग की पूजा आराधना से होती है मनोकामना पूरी

mahashivratri 2023 : विभिन्न वस्तुओं से बनें शिवलिंग की पूजा आराधना से होती है मनोकामना पूरी

फीचर्स डेस्क। तैतीस कोटि देवी-देवताओं में भगवान शिव को देवाधिदेव महादेव की उपाधि से विभूषित हैं। शिव जी की असीम कृपा की प्राप्ति के लिए देवाधिदेव महादेव की भक्तिभाव व आस्था से की गई पूजा सदैव फलित होती है। नियम, संयम व विधिपूर्वक पूजा-अर्चना के साथ शिव मंत्र, शिव स्त्रोत, शिव सहस्त्रनाम, शिव चालीसा का पाठ करना अभीष्ट फलदायी होता है। शिव की अद्भुत कृपा प्राप्ति के लिए विविध प्रकार के उपासना, आराधना, अर्चना की विधि पौराणिक गं्रथों से मिलती है। ऐसी मान्यता है कि शिव के समान दु:खों को हरने वाले और कोई भी देवता नहीं है।

शिव भक्त भगवान शिवजी की आराधना व अनुष्ठान कर मनोकामना की पूर्ति के साथ ही अलौकिक शांति भी प्राप्त कर सकते हैं। प्रख्यात ज्योतिषविद् पं. विमल जैन के अनुसार शिवजी की पूजा-अर्चना करना विशेष पलदायी बताया गया है। इस मास में रूद््राभिषेक से समस्त अनिष्टों का शमन होता है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पूर्ण श्रद्धा व भक्ति से विधि विधान पूर्वक की गई आराधना से महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना की पूर्ति होती है। शिवलिंग शिव का निराकार स्वरूप माना गया है। पं. विमल जैन के अनुसार खास वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा अर्चना से मनचाही मुरादें पूरी की जा सकती है। पृृथ्वी के हर कण-कण व हर जीव में शिव विद्यमान हैं। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं से बने शिवलिंग मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होते हैं।

विशेष वस्तुओं से बनें शिवलिंग की पूजा से मिलने वाला फल-

 1-धन कामना की पूर्ति- दही को निथार कर बना शिवलिंग

 2-दु:ख दारिद्र नाश- पीपल की लकड़ी से बना शिवलिंग

 3-सुख-शांति व संतान- अक्षत, गेहूं, जौ के आटे से बना शिवलिंग

 4- शत्रुओं पर विजय- लहसुनिया रत्न से बना शिवलिंग

 5-अकाल मृत्यु, भय मुक्ति- दुर्वा से बना शिवलिंग

 6- खुशहाली, सौभाग्य में वृद्धि- चांदी, सोना, मोती का शिवलिंग

 7- मनोकामना पूर्ति- स्फटिक का शिवलिंग

 8- मनचाही कामना सिद्धि- भस्म से बना शिवलिंग

 9- मकान-सम्पत्ति- फूलों से बना शिवलिंग

 10- रोग से मुक्ति- मिश्री व शक्कर से बना शिवलिंग

 11- भौतिक ऐश्वर्य सुख- चंदन व कस्तूरी का शिवलिंग

इनपुट सोर्स : ज्योतिषचार्य राधेश्याम कमल, वाराणसी सिटी।