कैसे कुंडली में बनता है राहु शनि का योग, जानें ज्योतिष एक्सपर्ट सविता पटवाल से

कैसे कुंडली में बनता है राहु शनि का योग, जानें ज्योतिष एक्सपर्ट सविता पटवाल से

फीचर्स डेस्क। यह आप लोगों ने आम भाषा में भी सुना होगा अगर किसी का बुरा समय चलता है। तो कोई भी बोल देता है कि मेरे पर तो पता ही नहीं क्या राहु शनि चल रहा है मेरा तो कुछ अच्छा हो ही नहीं रहा है। क्योंकि जब भी शनि राहु कुंडली में योग बनते हैं तो व्यक्ति नकारात्मक ही भाव में जाता है। इसमें अगर दोनों ग्रहों में किसी की भी दशा आई तो व्यक्ति की दशा के साथ-साथ दिशाएं बदल जाती है। पूजा पाठ करने से मन हट जाएगा और नकारात्मक भाव हमेशा ही रहेगा तो इसी को ही कहा जाता है राहु शनि का प्रेत योग अच्छे से समझ सकते हैं आप।

शनि देव को न्याय के देवता माना गया है और शनि का कुंडली में होना कर्म फलों के भुगतने के रूप में देखा गया है। वही राहु को पाप ग्रह माना जाता है। राहु का कुंडली में होना व्यक्ति के लिए बहुत घातक माना जाता है। शनि और राहु की युति होती है तो पिशाच योग बनता है। इन दोनों ग्रहों की व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये किसी की भी जिंदगी बना या बिगाड़ सकते हैं। इसी वजह से लोग इन दोनों ग्रहों से डरते हैं। शनि और राहु की युति से पिशाच योग बनता है। इसके प्रभाव को इसके नाम से ही आसानी से जाना जा सकता है।

बता दें कि पिशाच योग बहुत ही खतरनाक होता है। जातकों के जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो कि इन जातकों के लिए सबसे घातक होता है। शनि और राहु की युति से बना पिशाच योग व्यक्ति को बहुत कष्ट पहुंचाता है और कभी सफल नहीं होने देता। ऐसा नहीं है कि शनि और राहु कि युति हमेशा अशुभ ही होती है। इसके कुछ शुभ परिणाम भी है। अगर राहु नीच स्थान पर है और शनि उच्च स्थान पर तो ऐसे में युति से व्यक्ति को दुखों से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति के लिए शनि और राहु दोनों ग्रह कई परेशानी में डाल सकता है। वहीं अगर कुंडली में शनि-राहु की युति है तो इसके और भयंकर परिणाम सामने आते हैं।

प्रत्येक ग्रह का अपना महत्व होता है। कुंडली में जब कोई ग्रह मजबूत होता है तो वह जातक को शुभ फल देता है। और जब कमजोर होता है तो अशुभ फल देता है। वहीं कुछ ग्रह दूसरे ग्रहों के साथ मिलकर शुभ और अशुभ फल देते हैं। शनि को अंधकार का ग्रह और राहु को भ्रम का ग्रह कहा जाता है। राहु को किसी राशि का स्वामी नहीं माना जाता है। इसका उपाय कुंडली विश्लेषण के अनुसार करें मंत्र जाप घर के अंदर बिल्कुल भी ना करें। शनि राहु की पूजा घर के अंदर बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए । किसी भी प्रकार का मंत्र जाप नहीं करना शनि राहु इसी के साथ में जितना हो सके अपने पितरों की पिंड दान जरूर करें। हर अमावस्या पर पितरों के नाम से दान दक्षिणा जरूर दें।

नोट : राहु जिस ग्रह के साथ में बैठता है कोई ना कोई दोष जरूर बनता है इसलिए खास कर ध्यान देना चाहिए उपाय सोच समझकर करने चाहिए।

इनपुट सोर्स : शक्ति उपासक, आचार्य पटवाल, नई दिल्ली।