शिक्षा से सेवा का संदेश देते हुए समाज उत्थान की दिशा में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा लें : राज्यपाल

शिक्षा से सेवा का संदेश देते हुए समाज उत्थान की दिशा में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा लें : राज्यपाल

कानपुर सिटी। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर का बुधवार को 37वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को आगामी जीवन की चुनौतियां का सामना करने के लिये तैयार होने की प्रेरणा देते हुए कहा कि शिक्षा से सेवा का संदेश देते हुए समाज उत्थान की दिशा में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा लें। राज्यपाल ने छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने का मंत्र दिया।  कहा कि जो मेडल नहीं हासिल कर सके वह भी निराश न हो। जीवन में हर दिन बेहतर करने का संकल्प लें। अधिक से अधिक श्रम करें और समाज के उत्थान के लिए कार्य करें। उन्होने कहा कि नवीन चुनौतियां सामने आती रहती है, इसलिये आने वाले कल की चुनौतियों का विश्लेषण करके भविष्य की योजनाएं बनायें।

राज्यपाल ने तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों की चर्चा करते हुये राज्यपाल ने विद्यार्थियों को नवीनताओं से जुड़ने और फ्यूचर स्किल के लिये खुद को तैयार करने हेतु प्रेरित किया। इसी क्रम में भारत को विश्व स्तर पर एक सशक्त देश के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिये केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा लागू विविध योजनाओं, विकास कार्यों और उनमें युवाओं के लिये उत्पन्न हो रहे अवसरों की चर्चा भी की। बताया कि भारत की युवा शक्ति के कारण पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद की नजर से देख रहा है।

 सीएसजेएमयू के नवनिर्मित प्रेक्षागृह में आयोजित हुए 37वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थी। कार्यक्रम का उद्घाटन मटकी में जलधारा प्रवाहित करके ‘जल संरक्षण‘ के संदेश के साथ किया। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय वर्ष भर में जितने जल का उपयोग करते हैं, उतने जल संरक्षण का प्रभावी प्रयास करें। देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर भी चिंता व्यक्त की। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके लाभकारी होने पर चर्चा करते हुए विश्वविद्यालय स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार करने को कहा।

राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में बेटियों की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी। कहा कि यह प्रशंसनीय है कि 80 प्रतिशत पदक लड़कियों ने हासिल किए हैं। लड़को को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। साक्षरता और शैक्षिक गुणवत्ता के विकास पर चर्चा करते हुए  अपने सम्बोधन में कहा कि आंगनबाड़ी से विश्वविद्यालय तक की शिक्षा में एक तारतम्य होना चाहिए इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का सुविधा-सम्पन्न होना भी जरूरी है, जिससे गाँवों के बच्चे केन्द्र पर आने और पढ़ने में रूचि लें।  प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा केन्द्र पर समारोहों में बुलाने को भी महत्वपूर्ण बताया।  कहा कि उच्च शिक्षा केन्द्र में आकर बच्चों  को शिक्षा के प्रति आकर्षण और प्रगति की प्रेरणा प्राप्त होती है। समारोह में विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र- छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। इस बार कुल 91 पदक दिए गए। विद्यार्थियों को कुल 228065 उपाधियाँ वितरित की गयीं। जिनमें 129 शोध उपाधियाँ प्रदान की गयीं। 

दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में कानपुर के परिषदीय स्कूलों के कक्षा 5 से 8 तक के 30 स्कूली बच्चों और 25 आंगनबाड़ी केंद्रों की महिलाओं को भी  सम्मानित किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर के सभागार का नवीनीकरण का उद्घाटन एवं नामकरण भी समारोह में किया गया। समारोह के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में सेवा उद्यान और अमृत सरोवर के साथ 21 योजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास भी किया गया।   विश्वविद्यालय के इनोवेशन फाउंडेशन के तहत चल रहे छात्रों के स्टार्टअप्स का  अवलोकन किया और स्टार्टअप्स से जुड़े दो छात्रों को सम्मानित भी किया। विश्वविद्यालय ने अपने पुरातन छात्र-छात्राओं के सहयोग से राजकीय बालगृह कानपुर में एक कम्प्यूटर लैब बनाई है।  इसका भी ऑनलाइन उद्घाटन किया। समारोह में राजकीय बाल गृह से आए स्टूडेंट्स ने  पेंटिंग गिफ्ट की। दीक्षांत समारोह में बाल गृह से 5 बच्चों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इन बच्चों को  मंच से सम्मानित भी किया।