Varanasi : वाराणसी नगर निगम पर अनियमितता का आरोप, एक ही पते पर 10 कंपनियों का एड्रेस

Varanasi : वाराणसी नगर निगम पर अनियमितता का आरोप, एक ही पते पर 10 कंपनियों का एड्रेस

वाराणसी सिटी। समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने वाराणसी नगर निगम पर गलत तरीके से ठेका देने का आरोप लगाया है। उन्होंने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कहा कि ठेका पहले दे दिया गया और रजिस्ट्रेशन बाद में हुआ। नियमों को ताक पर रखकर एक निजी कंपनी के नाम 'लेटर ऑफ़ एक्सेप्टेंस' जारी किए गए। उन्होंने कहा कि 17 मई, 2020 को कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ, जबकि ठेका 5 मार्च, 2020 को ही दे दिया गया था।

आशुतोष सिन्हा ने नगर-निगम में बड़े भ्रष्टाचार की भी बात कही। उन्होंने बताया कि वाराणसी नगर निगम और उस निजी के बीच हुए कॉन्सेसन एग्रीमेंट में किसी भी गवाह के हस्ताक्षर नही हुए। मैं भी अधिवक्ता हूं और यह अच्छे जानता हूं कि जब कोर्ट मैरिज में भी गवाह की जरूरत होती है, तो इतने बड़े एग्रीमेंट में गवाह क्यों नही हैं।  सिन्हा ने आगे कहा कि जिस कंपनी के साथ एग्रीमेंट हुआ है, उसके पते पर कुल 10 कंपनियां और भी रजिस्टर्ड हैं। इनके ऊपर कुल लगभग 200 करोड़ रुपए का लोन बकाया है। जो काम 600 रुपए में हो रहा है, उसी काम के लिए 2600 रुपए में दिया जा रहा है। इस कंपनी द्वारा कोई घोटाला नहीं किया जाएगा।

नगर विकास मंत्री ने विधान सभा में आशुतोष सिन्हा के सवालों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी मुंबई में काम करती है। उसकी एक छोटी कंपनी अलग से बनारस के लिए गठित की गई थी। इसमें कुछ गलत नहीं है। मंत्री ने कहा कि कंपनी को कुल 62 करोड़ 13 लाख रुपए से ज्यादा दिए गए हैं। वहीं, अभी भी 38 करोड़ रुपए और दिए जाने हैं। इस पर आशुतोष सिन्हा ने कहा कि उन्होंने गोल-मटोल जवाब दिया। मैंने, सभापति से इस प्रकरण को प्रश्न और संदर्भ समिति में भेजने के लिए अनुरोध किया। सभापति ने सारे डॉक्यूमेंट नगर विकास मंत्री की को सौंपने के लिए निर्देश दिया। वहीं, इस प्रकरण पर जांच के लिए आश्वस्त किया गया। इससे पहले भी आशुतोष सिन्हा ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा उठाया था।