झारखंड के निजी अस्पतालों में बंद हो सकता है आयुष्मान योजना के तहत इलाज

झारखंड के निजी अस्पतालों में बंद हो सकता है आयुष्मान योजना के तहत इलाज

 रांची। झारखंड में आयुष्मान भारत योजना से जुड़े निजी अस्पताल अपने यहां इलाज बंद कर सकते हैं। आइएमए झारखंड और हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया ने स्पष्ट किया है कि यही हाल रहा, तो अगले दो से तीन दिनों में आयुष्मान योजना से जुड़े मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में बंद कर दिया जायेगा। अस्पतालों का कहना है कि राज्य के निजी अस्पतालों की करोड़ों की राशि लंबित है, जिसका पैसा नहीं मिल रहा है।  बड़े अस्पतालों के छह से सात करोड़ रुपये और छोटे अस्पतालों का डेढ़ से दो करोड़ बाकी हैं।  ऐसे में इलाज बंद करने के अलावा दूसरा विकल्प बचा नहीं है।  

कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बैंक से कर्ज लेना पड़ रहा है।  स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 770 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध हैं, जिनमें 549 निजी और 221 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा 55 भारत सरकार के अस्पताल शामिल हैं।  राज्य में अगर निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया, तो राज्य के लाभुकों का इलाज मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में ही हो पायेगा।  राज्य में इसके लिए 221 सरकारी अस्पताल को सूचीबद्ध किया गया है।