हाई ब्लडप्रेशर के लिए रामबाण है ये कुल्फा, आप भी पढ़िए

हाई ब्लडप्रेशर के लिए रामबाण है ये कुल्फा, आप भी पढ़िए

हेल्थ डेस्क। आपको पता है कि हमारी बॉडी के लिए विटामिन डी भी बहुत जरूरी है और यह हमें सूरज की रोशनी से प्राप्त होती है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे पौधा के बारें में बताने जा रहें हैं जो आपके घर के आंगन या दीवार के नजदीक उगा हुआ जरूर देखा जाता होगा। आपने इस पौधे को अपने घर के नजदीक जरूर देखा होगा। इसे पर्स्लेन या कुलफा के नाम से भी जाना जाता है। कई लोग इसे जंगली पौधा समझ नोच कर फेंक देते हैं। जबकि ये पौधा कई तरह के न्यूट्रिएंट्स का भंडार है। कई लोगों को इसकी खासियत के बारे में नहीं पता। खाने में इसका टेस्ट जितना बेहतर है, उससे ज्यादा इसमें मौजूद न्यूट्रिशन इसे उपयोगी बनाते हैं। आज हम आपको इसके जो फायदे बताने जा रहे हैं, उसे पढ़कर आगे से इन्हें फेंकने की जगह आप खाना पसंद करेंगे। इस पौधे में ओमेगा 3s प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। अभी तक आपको यही जानकारी होगी कि ओमेगा 3 फैटी एसिड मछली, अंडा और फिश ऑयल सप्लीमेंट से मिलता है। इस एसिड से दिमाग तेज होता है और हार्ट अटैक की संभावना भी कम होती है।

पत्तेदार सब्जियों में कुल्फा अलग

आपको बता दें कि पत्तेदार सब्जियों में कुल्फा का अलग ही महत्व है। यह अपने आप उगने वाला साग है, जो खेतों की मेड़ों पर या फिर फसलों के साथ ही उग आता है। ज्यादातर लोग इसे स्वाद के कारण पसंद करते हैं क्योंकि इसमें अच्छी खटास होती है। अपने औषधीय प्रभाव में कुल्फा सर्वोपरि है। इसे इसके नमकीन स्वाद के अनुसार लोणी भी कहते हैं।

स्वाद में खट्टे-नमकीन

कुल्फा के पौधों की लम्बाई 10-12 सेमी।  तक होती है और हरे पत्ते 3-4 मिलीमीटर तक मोटे रस भरे और स्वाद में खट्टे-नमकीन होते हैं। यह आयुर्वेद में बहुउपयोगी औषधि मानी गई है। हाल के शोध में भी कुल्फा कैंसर जैसे घातक बीमारी के इलाज करने में भी सफल कही गई है। लोणी का पौधा घरों के आसपास, जंगलों, सड़क के किनारों और बंजर जगहों पर आसानी से उग जाता है। यह उखाड़ने पर भी पूर्ण रूप से नष्ट नहीं होता।

जड़ जमीन के अन्दर जीवित रहती है

इसकी जड़ कई साल तक जमीन के अन्दर जीवित रहती है और समय अनुसार पानी, पोषण मिलने पर पौध रूप में बाहर निकल आती है। इसका उपयोग सब्जी, सलाद, पौष्टिक पेय और औषधि के रूप में होता है।

2-3 पत्ते रोज खाने से कई रोग होते हैं दूर

कुल्फा में मुख्य रूप से ओमेगा-3, फैटी एसिड़, विटामिन ए, बी, सी, ई, मल्टी विटामिन 44% RDA, बीटा कैरोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, ऑयरन, लिथियम, फाइबर, मैंग्नीज, पोटेशियम, कॉपर, राइबोफ्लैविना, निसासिन और पाइरोडॉक्सिन एक साथ मौजूद हैं। लोणी रिच एंटीबायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों का एक साथ मिश्रण है। कुल्फा के 2-3 पत्ते रोज खाना ही मात्र सम्पूर्ण रोगों का नाशक माना जाता है। यह बहुमूल्य अमृत औषधि रूप है।

हाई ब्लडप्रेशर के लिए रामबाण

हाई ब्लडप्रेशर रहने पर नित्य सुबह कुल्फा के 3-4 पत्ते चबाना लाभदायक रहता है। इसके पत्तों का साग व सलाद  के तौर पर सेवन करना चाहिए। लोणी पत्ते का सेवन रक्त धमनियों को सुचारू रखता है। तेजी से वजन घटाने के लिए कुल्फा के काले बीज गुनगुने पानी के साथ सेवन करना फायदेमंद है। लोणी बीज शरीर से अतिरिक्त वसा हटाने एवं कैलोरी बर्न करने में सहायक है। शीघ्र वजन घटाने के लिए 7-8 लोणी बीज गुनगुने पानी के साथ सेवन के बाद एक्सरसाइज कर सकते हैं।