अयोध्या में राम मंदिर के लिए जो जमीनें खरीदी गईं हैं उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए : मायावती

अयोध्या में राम मंदिर के लिए जो जमीनें खरीदी गईं हैं उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए : मायावती

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पूरा होने से पहले ही जिस तरह से नेताओं और अफसरों ने ताबड़तोड़ जमीनें खरीदी हैं उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और ऐसी खरीद-फरोख्त को रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। इसकी जांच एक उच्चस्तरीय कमेटी से करवाई जानी चाहिए। बेहतर होगा कि सुप्रीम कोर्ट मामले में हस्तक्षेप करे। केंद्र सरकार राज्य को निर्देश दे कि मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जाए। मायावती ने लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में मीडिया को करते हुए कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती है तो भाजपा उस पर फोन टैपिंग का आरोप लगाती है और अब भाजपा की सरकार है तो कांग्रेस उस पर फोन टैपिंग का आरोप लगा रही है। मामले में कहां तक सच्चाई है यह तो नहीं बताया जा सकता लेकिन यदि यह आम चर्चा हो गई है तो इस बात में दम है।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन सूचियों को आधार कार्ड से जोड़ने के मामले पर बसपा का यही मत है कि पहले इस प्रकरण पर राज्यसभा और लोकसभा में खुली बहस होनी चाहिए साथ ही उन्होंने मांग की कि 2 अप्रैल 2018 को दलित युवाओं पर दर्ज हुए मुकदमे वापस होने चाहिए। मायावती ने बृहस्पतिवार को अपने सभी मुख्य जोनल इंचार्ज एवं जिला अध्यक्षों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि इन सभी को अपने अपने क्षेत्रों में जाकर काम करना है और बूथ मैनेजमेंट के लिए केवल एक सप्ताह का समय दिया गया है।

 मायावती ने कहा कि अब जनता भाजपा और सपा के बहकावे में आने वाली नहीं है। खासतौर से भाजपा ने जिस तरह से ताबड़तोड़ शिलान्यास और अधबने कामों के उद्घाटन किए हैं उससे उनकी बौखलाहट साफ नजर आ रही है। बसपा ने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा है कि सब को अलर्ट किया जाए कि भाजपा और सपा इस चुनाव को पूरी तरह से हिंदू-मुस्लिम रंग देने के चक्कर में हैं जनता को इससे सावधान करना है।