महामारी के खिलाफ लडाई में डाक्टरों की भूमिका अहम  

महामारी के खिलाफ लडाई में डाक्टरों की भूमिका अहम   

लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में डाक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। कोविंद ने लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) की सराहना करते हुये कहा कि जो बीमार है और जिन्हे इलाज की जरूरत है, उनके लिये डाक्टर किसी देवदूत से कम नहीं होते लेकिन चिकित्सकों को लखनऊ अथवा उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहना चाहिये। पूरे देश यहां तक कि समूचे विश्व को उनकी जरूरत है। एसजीपीजीआई के 26वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि की भूमिका में श्री कोविंद ने कहा कि एक दशक से भी कम समय में संस्थान ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया है। राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में पत्नी सविता कोविंद के साथ पधारे थे। उन्होने छात्रों को उपाधियां प्रदान की। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद थी।

राष्ट्रपति ने कहा कि एसजीपीजीआई ने एनआईआरएफ रैंकिंग में मेडिकल कैटेगरी में पांचवी रैंक हासिल की है जो उनकी बेमिसाल उपलब्धि की परिचायक है। अब उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों को अच्छे इलाज के लिये दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है। एसजीपीजीआई की लैब में 20 लाख से ज्यादा कोविड टेस्ट किये जा चुके है। हालांकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुयी है। इससे बचाव के लिये मास्क और सोशल डिस्टेसिंग बेहद जरूरी है। टीकाकरण भी कोरोना के बचाव में महत्वपूर्ण हथियार बनेगा।

उन्होने कहा कि शोध के अलावा संस्थान मरीजों के इलाज में महती भूमिका निभा रहा है। अब समय की मांग है कि अन्य मेडिकल कालेजों को अपनी प्रासंगिकता सिद्ध करनी चाहिये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कई नये मेडिकल कालेज खोल रहे हैं। एसजीपीजीआई उनकी मदद कर सकता है।

इस मौके पर 116 छात्रों को डिग्री प्रदान की गयी जिनमें डीएम के 40,एमसीएच के 18,पीएडीएफ के दस,एमडी के 33, पीएचडी के दो,एमएचए के पांच और बीएससी नर्सिंग के आठ विद्यार्थी शामिल हैं। इस दौरान संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमान ने संस्थान के पिछले एक साल का ब्योरा प्रस्तुत किया।