सुखविंदर ने हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ, अब प्रतिभा को लेकर कांग्रेस करेगी मनन
शिमला। हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू शपथ ले चुके हैं। रविवार की दोपहर में 1 बजकर 50 मिनट पर सुखविंदर ने हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस दौरान राहुल गाँधी, प्रियंका और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे भी मौजूद रहे। प्रियंका ने इससे पूर्व मुख्यमंत्री पद की दावेदार रही प्रतिभा सिंह व उनके समर्थकों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की। उन्होंने प्रतिभा को अपने बगल में बैठाया। सुक्खू ने सभी कांग्रेस विधायकों के साथ मंच से समर्थकों का अभिवादन किया।
रिज मैदान में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ने सुक्खू के साथ ही उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को भी शपथ दिलाई। इससे पूर्व सुक्खू ने सुबह में खुद प्रतिभा सिंह के घर जाकर उन्हें शपथ समारोह का निमंत्रण दिया। बता दें कि सुक्खू राजनीति में प्रतिभा सिंह को अपना आदर्श मानते हैं।
Sukhwinder Singh Sukhu takes oath as 15th chief minister of Himachal Pradesh, Mukesh Agnihotri as deputy CM
— ANI Digital (@ani_digital) December 11, 2022
Read @ANI Story | https://t.co/25j8octma9#SukhwinderSinghSukku #HimachalCM #Congress pic.twitter.com/jxJvqGzJ79
शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी ने सुखविंदर की मां को मंच पर बुलाया और उनसे मिले। प्रियंका गांधी ने सुक्खू की मां को गले से लगाया और अपने पास बिठाया। वहीँ कांग्रेस प्रतिभा खेमे को नाराजगी से बचाने के लिए उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को कैबिनेट में मंत्री पद दे सकती है। प्रतिभा मुख्यमंत्री पद के लिए सुक्खू के नाम से नाराज थीं। बता दें कि कांग्रेस की हिमाचल में जीत के बाद से ही प्रतिभा सिंह का नाम सोशल मीडिया पर रन करने लगा था। ऐसे कयास भी लगाए जा रहे थे कि प्रतिभा सिंह को ही हिमाचल का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि प्रतिभा ने किसी भी तरह के मनमुटाव की बात को गलत बताया।
प्रतिभा सिंह हिमाचल के मंदी सीट से सांसद हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सांसद होने के कारण मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई। विधानसभा चुनाव में मंडी जिले की 10 में से १ सीट केवल कांग्रेस जीत सकी। ऐसे में कमजोर पड़ चुकी कांग्रेस उपचुनावों में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। प्रतिभा को सीएम बनने पर विधायक का चुनाव भी लड़ना पड़ता।