सरदार पटेल हमेशा चाहते थे कि, भारत सशक्त हो, भारत समावेशी भी हो : मोदी

सरदार पटेल हमेशा चाहते थे कि, भारत सशक्त हो, भारत समावेशी भी हो : मोदी

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एकजुटता को देश की प्रगति का मूलमंत्र करार देते हुए आज कहा कि एकता की कमी जहां नये संकट लाती है , वहीं सामूहिक प्रयास देश को नयी ऊंचाई पर ले जाते हैं। विदेश यात्रा पर गये मोदी ने रविवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अपने वीडियो संदेश में कहा , “ सरदार पटेल हमेशा चाहते थे कि, भारत सशक्त हो, भारत समावेशी भी हो, भारत संवेदनशील हो और भारत सतर्क भी हो, विनम्र भी हो, विकसित भी हो। उन्होंने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा। आज उनकी प्रेरणा से भारत, बाहरी और आंतरिक, हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो रहा है। जब देश के कोने-कोने में पहुंचने की आसानी होगी, तो लोगों के बीच दिलों की दूरी भी कम होगी, देश की एकता बढ़ेगी। ”

उन्होंने कहा कि सभी को सरदार साहब की यह बात अवश्य याद रखनी चाहिए कि सामूहिक प्रयासों से हम देश को नयी ऊंचाई पर ले जा सकते हैं जबकि एकता की कमी हमारे लिए नये संकट लाती है। उन्होंने कहा, “ आज़ाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था, उससे कहीं अधिक आज़ादी के इस अमृतकाल में होने वाला है। आज़ादी का ये अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है। ये अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है।”

प्रधानमंत्री ने कहा , “ सरदार साहब हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे। इसीलिए, उनके 'एक भारत' का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो। ”