टीबी उन्मूलन पर तत्काल ध्यान देने की जरुरत: पवार  

टीबी उन्मूलन पर तत्काल ध्यान देने की जरुरत: पवार   

नई दिल्ली। भारत ने क्षयरोग - टीबी के उन्मूलन पर तत्काल ध्यान देने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि इस दिशा में सभी प्रयासों के परिणाम काेरोना महामारी के कारण उलट गये हैं। केेंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र (डब्‍ल्‍यूएचओ एसईएआर) की उच्‍च स्‍तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र सभी छह क्षेत्रों में क्षयरोग से सबसे अधिक प्रभावित है। इसने अब दुनिया की सबसे बड़ी संक्रामक बीमारी होने के रूप में एचआईवी - एड्स और मलेरिया को भी पीछे छोड़ दिया है। इनमें से अधिकांश मौत 15 से 45 वर्ष के बीच होती है। यह आयु वर्ग आर्थिक गतिविधियों के लिये महत्वपूर्ण होता है जिसके परिणामस्‍वरूप उच्‍च आर्थिक और सामाजिक परिणाम सामने आते हैं।

इस बैठक में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस, डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ निदेशक, डॉ. सुमन रिजाल, डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह भी उपस्थित थी। क्षयरोग पर कोविड-19 के प्रभाव पर डॉ. पवार ने कहा कि दुनिया ने वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी का संकटकाल देखा है, जिसने मानव जीवन, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणालियों को तहस-नहस कर दिया है। कुछ ही महीनों में, इस महामारी ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में की गई वर्षों की प्रगति को उलट दिया है।

उन्‍होंने कहा कि अगर तत्‍काल कार्रवाई नहीं की गयी तो हम वर्ष 2022 के लक्ष्‍यों से भी चूक सकते हैं। अगली संयुक्‍त राष्‍ट्र उच्‍च स्‍तरीय बैठक 2023 में निर्धारित है इसलिए इस बारे में हुई प्रगति की समीक्षा करने और उसी के अनुसार अपनी कार्रवाई करने की तत्‍काल जरूरत है। उन्होंने सभी से एकजुट होने और अपनी ताकत का लाभ उठाने के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और संसाधनों को जुटाने तथा टीबी उन्‍मूलन के लिए मिलकर काम करने का अनुरोध किया।