Raksha Bandhan Special:इस राखी 475 साल बाद बन रहा है गजकेसरी योग जाने राशियों पर असर

राखी पर इस बार सालों बाद एक महासंयोग भी बन रहा है। जो कई राशियों के लिए शुभकारी है ,आइये जाने असर साथ ही जानिए शुभ महूरत , पूजा विधि और राशि के अनुसार किस रंग की राखी बांधनी चाहिए....

Raksha Bandhan Special:इस राखी 475 साल बाद बन रहा है गजकेसरी योग जाने राशियों पर असर

फीचर्स डेस्क। भाई बहने के अटूट प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार इस साल रविवार, 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार राखी का त्यौहार अपने आप में खास है। हर साल ये श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है, लेकिन इस बार राखी सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाई जाएगी जाएगी। शोभन योग भी इस त्योहार को खास बना रहा है। ज्योतिषविदों का कहना है कि राखी पर इस बार सालों बाद एक महासंयोग भी बन रहा है। इस साल राखी में भद्रा का साया नहीं होगा तो बहने  पूरे दिन में से कभी भी अपने भाइयों को राखी बाँध पाएंगी। 

 गज केसरी योग 

इस बार रक्षाबंधन पर 475 साल बाद गज केसरी योग बन रहा है। राखी के दिन देवगुरु बृहस्पति और चंद्रमा की युति रहेगी। इस युति से गजकेसरी योग का निर्माण होगा । गज केसरी योग कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ रहता है। धनु , मीन और कर्क रही वाले जातकों को इसका ख़ास लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं किस राशि को क्या लाभ मिलेगा...


धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए ये योग किसी वरदान से कम नहीं है। धन- लाभ होगा। कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे,मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी।
लेन- देन से लाभ होगा।

मीन राशि

आप को मनवांछित फल की प्राप्ति होगी। परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। साथ ही कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।हर कोई आपके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करेगा


कर्क राशि

कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं। कर्क राशि के जातकों को शुभ फल की प्राप्ति होगी। धन- लाभ होने के योग बन रहे हैं।परिवार के सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा।दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा और निवेश करने के लिए भी समय शुभ है।

शुभ मूहर्त 

रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी. आप सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 3 मिनट तक किसी भी वक्त राखी बांध सकती हैं। 

पूजा विधि 

रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए एक थाली में रोली, चन्दन, अक्षत, दही, राखी, मिठाई और घी का एक दीपक रखें।  पूजा की थाली को सबसे पहले भगवान को समर्पित करें। इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं। पहले भाई के माथे पर तिलक लगाएं। फिर रक्षासूत्र बांधकर आरती करें। इसके बाद मिठाई खिलाकर भाई की लंबी आयू की मंगल कामना करें। रक्षासूत्र बांधने के समय भाई तथा बहन का सर खुला नहीं होना चाहिए रक्षासूत्र बंधवाने के बाद माता पिता का आशीर्वाद लें और बहन के पैर छूकर उसे उपहार भेंट करें।

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जैसी राशि वैसा रंग 

पंडित जी के अनुसार अपने भाई की राशि के अनुसार राखी के रंग का चुनाव करना चाहिए। इससे विशेष लाभ मिलता है और भाई पर ईश्वर की विशेष कृपा बानी रहती है।  
मेष: लाल, गुलाबी या पीले रंग की।
वृष: श्वेत, नीली, रेशमी-चमकीला।
मिथुन: नीला और गुलाबी।
कर्क:पीली, चमकीली-रेशमी।
सिंह: गुलाबी या पीेली।
कन्या: सफेद, हरा, गुलाबी।
तुला: पीली या गुलाबी।
वृश्चिक: लाल, गुलाबी या पीली।

इन बातों को ध्यान में रख का इस त्यौहार का पूर्ण लाभ उठा सकते हैं 

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