पीएम मोदी ने की पुतिन से यूक्रेन पर चर्चा, तुर्की से कूटनीति पर बात, वेटिंग में रह गए जिनपिंग और शहबाज

पीएम मोदी ने की पुतिन से यूक्रेन पर चर्चा, तुर्की से कूटनीति पर बात, वेटिंग में रह गए जिनपिंग और शहबाज

न्यूज़ डेस्क। उजबेकिस्तान का समरकंद शहर पूरी दुनिया में सुर्खियों में बना रहा। वजह थी शंघाई सहयोग संगठन की समिट यानी एससीओ समिट। इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने भी हिस्सा लिया, जिसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी हिस्सा लेने आए थे। इनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल थे। लेकिन जैसी की चर्चा थी कि चीन और पाकिस्तान के प्रमुखों के साथ पीएम मोदी मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन मोदी कूटनीति ऐसी रही कि दोनों राष्ट्रप्रमुख वेटिंग में रह गए। जबकि पीएम मोदी ने रूस, ईरान और यहां तक कि तुर्की के राष्ट्रप्रमुख से भी चर्चा की। पाकिस्तान की मीडिया में भी इस बात को लेकर चर्चा थी कि पीएम मोदी और शहबाज शरीफ की मुलाकात हो सकती है। बाढ़ और कंगाल अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान के पीएम से मुलाकात न करके पीएम मोदी ने पाकिस्तान को अनकही नसीहत दे डाली है। वहीं शी जिनपिंग से भी मुलाकात न करके भारत ने अपने इरादों को जाहिर कर दिया है।

पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति रईसी से की मुलाकात

पीएम मोदी ने समरकंद में शुक्रवार को कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। इनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव शामिल हैं। इन सभी से कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके अलावा इस समिट में खास बात यह देखने को मिली कि पीएम मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से भी मुलाकात की। यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तुर्की पाकिस्तान को सपोर्ट करता है और इस कारण तुर्की से भारत के रिश्ते नरम गरम रहे हैं। पाकिस्तान भी मुस्लिम देश के रूप में सउदी अरब से भी ज्यादा अहमियत तुर्की को देता है। लेकिन पीएम मोदी की तुर्की के समकक्ष से मुलाकात से कई समीकरण बदल सकते हैं। 

पाकिस्तान, चीन की बातचीत की उम्मीदों पर पीएम मोदी ने फेरा पानी

हालांकि दिनभर यह चर्चा भी होती रही कि पीएम मोदी चीन के राष्टपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं। पाकिस्ताना के पीएम शहबाज शरीफ भी यह चाहते थे कि पीएम मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात हो। लेकिन दोनों ही नेता वेटिंग में रह गए और मुलाकात नहीं हुई। इसके पीछे की कूटनीति भले ही कुछ और हो सकती हो, लेकिन विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि ‘सभी बैठकें जो निर्धारित की गई थीं या जिनके लिए हमारे पास रिक्वेस्ट आई थी उन पर हमने विचार किया था‘।

पीएम मोदी ने संबोधन में पाकिस्तान को दे डाली ये नसीहत

वहीं समरकंद में चल रही एससीओ समिट में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भी भारत के विकास की रफ्तार के बीच पड़ोसी देश को भी नसीहत दे डाली। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में मदद सामग्री पाकिस्तान के रास्ते ले जाने पर पाकिस्तान की ना नुकूर पर अपने संबोधन में कहा कि सदस्य देशों को एकदूसरे को ट्रांजिट का अधिकार देना चाहिए। पीएम मोदी ने इशारों इशारों में पाकिस्तान की बेइज्जती करते हुए भारत की विकासगाथा का जमकर जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत के पास 70 हजार स्टार्टअप्स का पावरहाउस हैं। पीएम ने कहा कि हम दूसरे देशों को भी मदद की पेशकश करते हैं। इस बैठक के दौरान खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी थे, जो चुपचाप अपने देश की बेबसी को वहां बैठे महसूस कर रहे थे। 

पुतिन से की मुलाकात, यूक्रेन मुद्दे पर दे डाली सीख

SCO समिट में शुक्रवार को पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने पुतिन से कई विषयों पर चर्चा की। दोनों नेताओं की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थी। चर्चा काफी सकारात्मक रूप से हुई। दोनों ने रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए संकट के मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इस साल फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। भारत ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए अब तक रूस की आलोचना नहीं की है। भारत बातचीत के जरिए संकट के समाधान पर जोर दे रहा है। चर्चा के बाद पुतिन ने मोदी को रूस आने का निमंत्रण भी दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य में रूस-भारत के रिश्ते और अधिक मजबूत होने की उम्मीद जताई। इससे पहले शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में पुतिन को यूक्रेन पर बड़ा संदेश दे दिया था।