कोरोना काल में जमानत पर रिहा हुए 2,000 कैदी नहीं लौटे जेल

कोरोना काल में जमानत पर रिहा हुए 2,000 कैदी नहीं लौटे जेल

नई दिल्ली। कोरोना काल के दौरान जमानत पर दिल्ली की जेलों से बाहर आए कैदियों के सरेंडर करने की समयसीमा पार हो गई है लेकिन करीब 2,000 विचाराधीन कैदियों ने अब तक सरेंडर नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन कैदियों से सरेंडर करने को कहा था। इन कैदियों को हाई पॉवर कमेटी और हाई कोर्ट के आदेशों पर जमानत देकर छोड़ा गया था।

इसी साल 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कैदियों को 15 दिनों के अंदर जेलों में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली की 3 जेलों (तिहाड़, रोहिणी और मंडोली) से 650 सजायाफ्ता और 3,600 विचाराधीन कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत दी गई थी। इसका मकसद इन जेलों में भीड़ कम करना और जेलों में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाना था। इन कैदियों को हाई पॉवर कमेटी और हाई कोर्ट के आदेशों पर जमानत देकर छोड़ा गया था। इसी साल 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कैदियों को 15 दिनों के अंदर जेलों में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।

कोर्ट के आदेश के बाद ज्यादातर कैदियों ने तो आत्मसमर्पण कर दिया लेकिन बताया जा रहा है कि 2,000 के करीब विचाराधीन कैदियों ने अब तक आत्मसमर्पण नहीं किया है। अब जेल प्रशासन ने सरेंडर नहीं करने वाले कैदियों के बारे में स्थानीय पुलिस स्टेशनों और उनके रिश्तेदारों को सूचित किया है।