आप आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं तो सप्ताह के इन 7 दिन करें ये उपाय, पढ़ें क्या बता रहीं हैं आचार्य सविता

शक्ति उपासक आचार्य सविता पटवाल बताती हैं कि देखिए मनुष्य के जीवन में जो सात दिनों को बांटा गया है वह कर्म करने के लिए है। हम सप्ताह के सातों दिन को इस प्रकार बाटे, जिससे हमारे ग्रह शांत रहें?  तो आइये जानते हैं सात दिन के अलग-अलग क्या प्रभाव होता है...

आप आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं तो सप्ताह के इन 7 दिन करें ये उपाय, पढ़ें क्या बता रहीं हैं आचार्य सविता

फीचर्स डेस्क। अगर आपका कोई ग्रह है खराब है तो उससे संबंधित रिश्ता भी खराब होगा। यह उपाय करते ही इससे संबंधित आपका ग्रह ठीक और जीवन सुखी हो जाएगा। आपको जानना जरूरी है कि हमारे परिवार मे कौन सा रिश्तेदार किस ग्रह की भूमिका निभाता हैं। शक्ति उपासक आचार्य सविता पटवाल बताती हैं कि देखिए मनुष्य के जीवन में जो सात दिनों को बांटा गया है वह कर्म करने के लिए है। हम सप्ताह के सातों दिन को इस प्रकार बाटे, जिससे हमारे ग्रह शांत रहें?  तो आइये जानते हैं सात दिन के अलग-अलग क्या प्रभाव होता है...                               

रविवार

आपकी कुंडली मे सूर्य कमजोर हैं, या नीच राशि का हो तो पिता से शुभ व्यवहार करे। रविवार को पिता के पसन्द की मिठाई, फल लाकर खिलाये, पिता के चरण छूकर आशीर्वाद ले। अगर पिता और दादा के साथ आपने बहुत अच्छा संबंध कायम कर लिया तो आप का सूर्य बहुत-बहुत अच्छा हो जाएगा। वहीं अगर आपका सूर्य खराब है तो या  आपने दादा या पिता को देखा नहीं या वह आपके बचपन में ही शरीर छोड़ गए या आपकी उनसे पटती नहीं जिनके पिता या दादा मृत्यु उपरांत गति को प्राप्त नहीं हुए होते और प्रेत योनि में होते हैं उनका भी सूर्य बहुत खराब होता है।

सोमवार

सोमवार को मां की सेवा करने से चंद्रमा शांत रहता है, हर सोमवार और पूर्णिमा को माँ का सम्मान करे। माँ को इस दिन दूध से बनी वस्तु खिलानी चाहियें। पानी का दुरुपयोग कम कीजिये। इससे चन्द्रमा ठीक होता हैं। जिनकी माता का शरीर नहीं है वह अगर गाय को माता मान लेंगे तो उनका अध्यात्म और कुछ बीमारियां और घर का वास्तु ठीक हो जाएगा। अगर वह जातक श्री कुल की देवी को मां मानकर पूजा करेगा तो जीवन में ईश्वर है संबंधी मुश्किलें ठीक हो जाएंगी और अगर जातक काली कुल की देवी यों में से किसी देवी को मां मानकर पूजन करेगा तो जीवन में मुसीबतें और दुर्घटनाएं खत्म हो जाएंगी।

मंगलवार

मंगलवार को शांत रखने के लिए बड़े भाई का आदर सम्मान करना चाहिए। जो अपने भाई और मित्रो को धोखा देते हैं, उनसे छल कपट करते हैं उनका मंगल खराब होता हैं।

बुधवार

बुधवार को बहनों के लिए होता है, अर्थात बहन का जो हिस्सा है उसे जरूर देना चाहिए। बुधवार को बहन, बेटी और बुआ का सम्मान करे, समय समय पर उनको उचित उपहार दे। साथ ही हरे पेड़ की सेवा करे ,या जीवन मे कम से कम 5 वृक्ष लगाकर उसकी देखभाल करें। अगर आप की बुआ या बहन जिसकी शादी होने के बाद आपके घर का सुख ऐश्वर्या और धन दौलत चला गया हो तो आप अपनी उस बहन का बहुत ख्याल रखें और अपने कुछ बिजनेस में उसे हिस्सेदार बनाएं और अपनी हर कमाई में उसका दसवंद या हिस्सा रखें।

गुरूवार

गुरुवार के दिन गुरू की सेवा करनी चाहिए और गुरू का सम्मान करना चाहिए। गुरु याने जो आपको ज्ञान देता हैं, गुरु याने जिसने आपके गलत समय पर सही मार्गदर्शन देकर आपको भटकने से बचाया। गुरुवार को गुरु को पीला वस्त्र या कोई धार्मिक पुस्तक, कलम आदि का दान अवश्य करे।

शुक्रवार

शुक्रवार का दिन पत्नी के लिए है अर्थात पत्नी के जो अधिकार हैं उनका हनन नहीं करना चाहिए। यदि आपका शुक्र खराब हो जायगा तो आपके जीवन से ख़ुशी दूर हो जायगी। पत्नी का सम्मान करे, बेवजह उसके आत्म सम्मान को ठेस नही पहुचाये। शुक्रवार उसको कोई उपहार अवश्य दे। साथ ही गाय को इस दिन ज्वार अवश्य खिलाये। आचार्य सविता पटवाल कहती हैं कि जिस घर में स्त्री का अपमान होता है उसे गाली दी जाती है उस घर में या तो पैसा नहीं होगा अगर पैसा होगा तो सुख औरजीवन में चैन नहीं होगा और जिस घर की औरतें अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं और बहुत सजी-धजी रहती हैं वहां कभी ऐश्वर्या कम हो ही नहीं सकता।

शनिवार

शनिवार का दिन राहु केतू का दिन होता है अर्थात अपने कर्मो को ठीक रखना चाहिए, कर्म अच्छे रहेंगे तो शनि ग्रह शांत रहेगा। शनि यानी आपका नौकर जो आपके यहाँ कार्य करता हैं। उसे बेवजह नही चिल्लाए और गाली गलौज ना करें। जो मजदूरो से पूरा काम करवाकर उसकी मजदूरी नही देते उनको शनि अधिक दंड देता हैं। राहू यानी सफाई कर्मी शनिवार को और बुधवार को सफाई कर्मीयों को दान देने से राहु दोष हटते हैं। साथ ही पास के श्री भैरव मन्दिर जाकर सरसो तेल का 4 मुखी दीपक जलावे। केतु हेतु पुत्र को कभी अपशब्द नही बोले। साथ ही कुत्तो को एक रोटी अवश्य दे।

नोट : उपरोक्त उपाय वार से परिजनों का सम्बंधित होने के कारण बताये गए है। माँ बाप भाई बहन मित्र परिजनों की सेवा के लिए तिथि वार नक्षत्र की आवश्यकता नहीं होती,  वो तो सदा ही होनी चाहिए।

इनपुट सोर्स : शक्ति उपासक, आचार्य सविता पटवाल।