सौतन से छुटकारा, खोया प्यार वापस पाएं इस तरह सपने दिखाने वाले बाबाओं के खिलाफ ऐसे करें केस, होगी उम्रकैद

सौतन से छुटकारा, खोया प्यार वापस पाएं इस तरह सपने दिखाने वाले बाबाओं के खिलाफ ऐसे करें केस, होगी उम्रकैद

फीचर्स डेस्क। समाज में जादू-टोना और अंधविश्वास का भी खूब चलन है, खासकर निम्नवर्ग में। लोगों को लगता है जब डॉक्टर न ठीक कर पाएँ तो किसी ओझा या बाबा के पास जानें से सभी समस्या का हल हो सकता है। बस इसी का फायदा आजकल बाबा लोग उठा रहें हैं। अभी कुछ दिन से कथा वाचक बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर जादू-टोना करने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा है। आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपने ऊपर उठ रहे आरोपों पर सफाई दे दी है। हम उन पर कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं। लेकिन ये बात भी सच है कि देश में नकली बाबाओं की भी कमी नहीं है। काफी लोग जादू-टोने पर यकीन रखते हैं। कई जगहों पर औरतों को डायन बताकर उनके साथ अत्याचार किया जाता है। आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे कि नकली बाबाओं के खिलाफ कहां शिकायत की जा सकती है, क्या हमारे देश में जादू-टोने के खिलाफ कोई कानून है, अगर किसी महिला को डायन बताकर उसके साथ अत्याचार किया जा रहा है तब वो किसकी मदद ले सकती है…

विश्वास और अंधविश्वास में फर्क

सबसे पहले जान लीजिए विश्वास और अंधविश्वास में फर्क… विश्वास वो फीलिंग है जो किसी इंसान या सिद्धांत को परखने के बाद उस पर किया जाता है। यह एक विचार है जिसे हम सही मानते हैं। इसके पीछे लॉजिक होता है। अंधविश्वास एक ऐसा विश्वास है जिसके पीछे कोई तर्क नहीं होता। उन प्रथाओं और मान्यताओं को निभाना जिनके पीछे कोई साइंटिफिक वजह नहीं है अंधविश्वास होता है।

लोग क्यों इतनी आसानी से बाबाओं और तांत्रिकों के जाल में फंस जाते हैं? इसके 3 कारण हैं-

फेथ हीलिंग प्रैक्टिस

कई बार किसी के साथ अगर कोई समस्या हो रही है तो वो किसी बाबा या गॉडमैन पर विश्वास करने लगते हैं। इसी विश्वास से उनकी चीजें ठीक होने लगती हैं। इन्हें लगता है कि ऐसा उन बाबा या गॉडमैन की वजह से हुआ है। जैसे मान लीजिए किसी को पीलिया हुआ और उसने मंत्र पढ़ा हुआ केला खा लिया। इसके बाद पीलिया ठीक हो गया। ऐसा करने वाले को लगेगा कि वह केले की वजह से ठीक हुआ है। बल्कि नॉर्मल पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो 15 दिन में खुद ही ठीक हो जाती है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ जाता है और वो दूसरे लोगों को अपने साथ जोड़ने लगते हैं और इस तरह एक चेन बन जाती है।

एजुकेशन लेवल

पढ़े-लिखे न होने की वजह से लोग कई चीजें नहीं जानते और ऐसे बाबाओं के जाल में आसानी से फंस जाते हैं।

भेड़चाल

अगर किसी बाबा या गॉडमैन के भक्त आसपास होते हैं तो दूसरे लोगों को लगने लगता है कि बाबा वाकई में चमत्कारी हैं। इससे बाबा पर भरोसा करने लगते हैं।

ब्रेन वॉश

कई बाबा, तांत्रिक या गॉडमैन की कही बातें बहुत प्रभावी लगती हैं। यह जानते हुए भी कि उसके पीछे कोई लॉजिक नहीं है, हम उस पर भरोसा करने लगते हैं।

मेंटल हेल्थ

मेंटल हेल्थ का भी काफी असर पड़ता है। कई लोग साइकोसोमैटिक इलनेस से जूझ रहे होते हैं। इसमें मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम की वजह से पेट दर्द जैसी समस्या हो सकती है। इसे आप किसी पेट के डॉक्टर को दिखाएंगे तो ठीक नहीं होंगे। ऐसे में पेशेंट परेशान हो जाता है। फिर बाबा या गॉडमैन के पास जाने पर मानसिक शांति मिलती है और पेट दर्द ठीक हो जाता है। इस तरह उसका विश्वास डेवलप होता है। पेशेंट को लगता है कि बाबा की वजह से ठीक हुआ है।

बाबा के जाल में फंसने से हो सकती हैं ये समस्याएं

डिनायल

शुरुआत में एक लंबे समय तक लोग मान ही नहीं पाते कि जिन बाबा को वो मानते हैं वो उनके साथ गलत कर रहे हैं।

गुस्सा

बहुत देर और नुकसान होने पर लोगों को समझ आता है कि उनके साथ धोखा हुआ है। इसके बाद उन्हें गुस्सा आता है। ये गुस्सा वो बाबा पर या अपने परिवार पर निकालते हैं। कई बार खुद पर भी गुस्सा निकालते हैं।

डिप्रेशन

बाबा के हाथों धोखा खाने के बाद लोग डिप्रेशन में भी जा सकते हैं। कई लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं।

आखिर कैसे हम अंधविश्वास से बचे?

जागरूकता

लोगों को जागरूक करना चाहिए कि माता आना, भूत-प्रेत आना, जिन्न आना ये सब मानसिक रोग हैं। ये ट्रीटमेंट से ठीक हो सकते हैं। इस तरह के अवेयरनेस कैंप चलाए जाने चाहिए।

एजुकेशन

बाबा, तांत्रिक और गॉडमैन बहुत सी ऐसी बातें बोलते हैं और चीजें करते हैं जिनके पीछे कोई लॉजिक नहीं होता। कई ऐसी ट्रिक्स को चमत्कार बताते हैं जिनके पीछे साइंस है। ये सब हम एजुकेशन के जरिए जान सकते हैं।

मानसिक शांति

ज्यादातर लोग बाबा के पास मानसिक शांति के लिए जाते हैं और ठगे जाते हैं। ऐसे में हमें ऐसे दूसरे उपायों पर काम करना चाहिए जिससे मानसिक शांति मिल सके।

तरह के मामलों से निपटने के लिए देश में कानून है

अंधविश्वास के मामलों के लिए पूरे देश में अलग से कोई कानून नहीं है। इसके लिए आप आईपीसी की इन तीन धाराओं का सहारा ले सकते हैं…

धारा 420: कोई धोखाधड़ी करता है तो उसपर धारा 420 के तहत एक्शन लिया जाता है। इसमें दोषी पर जुर्माने के साथ 7 साल की सजा भी हो सकती है।

धारा 508: जो व्यक्ति दूसरों को यह दिखाए कि उसके पास कोई चमत्कारी या दैवीय शक्तियां हैं और इस बल पर दूसरे लोगों से कोई काम करवाए। ऐसे लोगों को 1 साल की सजा के साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

धारा 511: आईपीसी में जिस क्राइम के लिए कानून नहीं है उसके लिए सेक्शन 511 में सजा सुनाई जा सकती है। इसमें क्राइम के नेचर के अनुसार उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।