चार दिवसीय फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमरेसी प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ, बताए गए प्रशिक्षण का महत्व

एआरपी अंजू सैनी ने बताया एन ई पी क्या है, इसके अंतर्गत सरकार ने क्या परिवर्तन किए हैं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई के माध्यम से शिक्षा में किस तरह जोड़ा गया है....

चार दिवसीय फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमरेसी प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ, बताए गए प्रशिक्षण का महत्व

गाजियाबाद। ब्लॉक संसाधन केंद्र नगर क्षेत्र कविनगर में चार दिवसीय फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमरेसी (एफएलएन) प्रशिक्षण का शुभारंभ गुरुवार को ईश्वर की वन्दना से किया गया। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता, कुसुम सिंह एवं प्रशिक्षण प्रभारी गौरव त्यागी ने वीणापाणि मां सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलित कर सत्र का प्रारंभ किया गया। इसी क्रम में 50-50 की संख्या के दो बैच अध्यापकों के बनाये गये। एसआरजी विनीता त्यागी ने सभी प्रतिभागियों को समझाया कि एफ एल एन की संकल्पना क्या है? इसका प्रशिक्षण हमारे लिए आवश्यक क्यों है?

वहीं एआरपी अंजू सैनी ने बताया एन ई पी क्या है, इसके अंतर्गत सरकार ने क्या परिवर्तन किए हैं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई के माध्यम से शिक्षा में किस तरह जोड़ा गया है। एआरपी   छविकांत ने एफ एल एन के सिद्धांतों से परिचित कराया। संदर्भदाता  शिववती पाण्डेय ने प्रशिक्षण में बुनियादी साक्षरता और गणितीय ज्ञान के कौशलों को विकसित करने पर बल दिया।

संदर्भदाता कविता वर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण में कई तरह की गतिविधियों का समावेश किया गया है। सीखने की रणनीतियां, छात्रों का सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव, बुनियादी गणितीय और साक्षरता के संबंध में विद्यालय परिवेश कैसा होना चाहिए। इसके बारे में  प्रतिभागियों के मध्य विस्तार से चर्चा की गई। सीमैट द्वारा प्रस्तावित यह प्रशिक्षण प्राथमिक स्तर के सभी अध्यापकों और शिक्षामित्रों को दिया जाएगा। संदर्भदाता के रूप में अंजू सैनी, शरद भारती, छविकांत, कविता वर्मा, शिववती पांडेय रहे। इस अवसर पर डॉ राकेश कुमार, रेनू बहल, अर्चना पचौरी,पारुल त्यागी, रिचा सिंह,रेशू बंसल तथा तकनीकी सहायक में नरेंद्र कौशिक और पुष्पेंद्र आदि उपस्थित रहे।