बीएचयू का फरमान : 5 शोध छात्रों को 14 दिनों के लिए विश्वविद्यालय से किया गया बाहर, पढ़ें क्यो ? 

बीएचयू का फरमान : 5 शोध छात्रों को 14 दिनों के लिए विश्वविद्यालय से किया गया बाहर, पढ़ें क्यो ? 

वाराणसी सिटी। बीएचयू कैंपस के अंतर्गत चले आंदोलनों में एक और कड़ी जुड़ गई है। आन्दोलनकारी 5 शोध छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। इन छात्रों को 14 दिनों के लिए विश्वविद्यालय की सेवाओं से वंचित रखने का आदेश दिया गया है। बिड़ला हॉस्टल में रहकर पढाई करने वाले 5 छात्र अविन्द्र राय, मृत्युंजय तिवारी, वैभव तिवारी, आशीर्वाद और दुष्यंत चंद्रवंशी पर बीएचयू प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई है। ये छात्र विभाग, हॉस्टल, लाइब्रेरी या कैंपस आदि सुविधाओं का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।

निलंबित छात्रों ने बीते जुलाई में बीएचयू अधिकृत उमंग फार्मेसी में चल रहे धांधली के खिलाफ आवाज़ उठाया था। छात्रों ने आरोप लगाया था कि उमंग फार्मेसी के टेंडर में 2।44 करोड़ का घोटाला हुआ है। इन छात्रों ने इसके जांच की मांग की थी। बीएचयू के कुलसचिव कार्यालय (शिक्षण) की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 21 जुलाई को विश्वविद्यालय के वीसी ऑफिस के चैनल गेट पर 15-20 छात्रों ने उत्पात मचाया था। उन्होंने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों, गार्ड और वीसी सुरक्षा स्टाफ के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया था।

छात्र पहले भी कई बार ऐसी घटना को दे चुके हैं अंजाम

छात्रों और कर्मचारियों की जबरदस्त धक्कामुक्की में कई स्टाफ और छात्रों को गंभीर चोटें आईं थीं। गमले तोड़ दिए गए थे। कुलपति की गाड़ी को छात्रों ने घेरा भी था। वहीं, चीफ प्रॉक्टर ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट कुलपति ऑफिस को सौंपी थी। यही नहीं चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि अवनींद्र और दुष्यंत को छोड़कर बाकी सभी छात्र कई बार इस तरह के आंदोलन को अंजाम दे चुके हैं। इसलिए, रजिस्ट्रार की ओर से इन छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों की दबाई जा रही आवाज़

BHU में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों की आवाज़ को दबाया जा रहा है। सभी छात्र राष्ट्रवादी हैं। छात्रों का कहना है कि स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन एनके मिश्रा ने NRC और CAA के विरोध में गैरकानूनी तरीके से विश्वविद्यालय के और संविधान के खिलाफ बोला था। उनके खिलाफ पीड़ितों ने आवाज उठाई थी। हमारी मांग है कि उक्त दोषियों पर कार्रवाई हो। मगर, कुछ लोग राष्ट्रवादी छात्रों को ही प्रताड़ित करने की कोशिश कर रहे हैं। कुलपति राष्ट्र विरोधी तत्वों को उच्च पदों पर आसीन कर रहे हैं। इन लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम इस निलंबन का विरोध करते हैं। वहीं, BHU में अब नए आंदोलन की पटकथा लिखी जा रही है।

-  मृत्युंजय तिवारी, निलंबित शोध छात्र।

गौरतलब हो कि सर सुन्दर लाल अस्पताल अंतर्गत उमंग फार्मेसी के खिलाफ पहले भी आवाज़ उठ चुकी है। बीएचयू कैंपस के अंतर्गत इस दवा की दुकान के धांधली विरोध में छात्रों ने बीते जुलाई में आवाज़ उठाई थी।

मरीजों की जेब कराई जा रही खाली

अक्सर यहां मरीजों को यहां से दवा लेने में घंटों इंतज़ार करना पड़ता है। वहीँ उमंग के ही एक पूर्व स्टाफ अमित ने बताया कि यहां से दवा लेना मरीजों को अत्यंत महंगा पड़ता है। जबकि कैंपस के अंदर ही 'अमृत फार्मेसी' सरकारी दवा की दुकान से दवा लेने पर काफी सस्ता पड़ता है। यहां मरीजों के जेब खाली कराए जा रहे हैं।

अमित कुमार, पूर्व स्टाफ, उमंग फार्मेसी।