कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने कहा सबसे लोकतांत्रिक पार्टी कांग्रेस’ को बचाना ज़रूरी

कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने कहा सबसे लोकतांत्रिक पार्टी कांग्रेस’ को बचाना ज़रूरी

नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि देश गम्भीर ख़तरे से गुज़र रहा है और इसलिए देश को बचाने के लिए ‘सबसे लोकतांत्रिक पार्टी कांग्रेस’ को बचाना ज़रूरी है। इस बीच, कन्हैया कुमार के साथ आज ही कांग्रेस के मंच को साझा कर रहे गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस के विचारधारा में शामिल हो चुके हैं लेकिन वह अभी तकनीकी रूप से इस पुरानी पार्टी के साथ विधिवत नहीं जुड़े हैं। जिग्नेश मेवानी ने कहा, “ मैं तकनीकी रूप से पार्टी में अभी विधिवत शामिल नहीं हुआ हूं लेकिन कांग्रेस के विचार के साथ जुड़ चुके हैं।”

उन्होंने कहा, “एक नया आंदोलन छिड़ने वाला है, सभी को साथ आना होगा, तभी देश बचेगा। साथ में मिलकर लड़ेंगे, देश को बचाएँगे। पूरे देश में जाएँगे और लोगों को जोड़ेंगे। कन्हैया कुमार ने यहाँ पार्टी मुख्यालय पर संवाददाताओं से कहा कि भारत की चिंतन परम्परा और सोच को आगे बढ़ाने का काम कांग्रेस ने किया है और आज ये चीजें ख़तरे में हैं, इसलिए इन्हें बचाने के लिए वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं। यह देश गांधी, नेहरू, भगत सिंह, अम्बेडकर, मौलाना आजाद, ज्योतिबा फूले का है जिसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कांग्रेस को एक बड़ा जहाज करार देते हुए कहा कि अगर इसे नहीं बचाया गया तो छोटी-छोटी कश्ती नहीं बच पाएंगी। देश में वैचारिक संघर्ष छिड़ा है, उसका नेतृत्व कांग्रेस ही कर सकती है, कांग्रेस बचेगी तो लाखों करोड़ों युवाओं की आकांक्षा बचेगी। वैचारिक संकीर्णता तोड़ने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा,“ देश आज 1947 से पहले के दौर में पहुँच चुका है। देश हम सबका है इसलिए इसे बचाने की हम सब की जिम्मेदारी है।” राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो कहानी गुजरात से शुरू हुई है, वह पिछले छह सात साल में जो उत्पात मचा है, वह सबके सामने हैं। वर्तमान में संविधान ख़तरे में है कुछ भी करके संविधान को बचाना है, इसके लिए हम उसके साथ खड़े हैं, जिसने देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी। आइडिया ऑफ़ इंडिया को बचाना है।