Navratri 2023: इस बार नौ दिनी होगा वासंतिक नवरात्र,  22 मार्च से होगा प्रारंभ

Navratri 2023: इस बार नौ दिनी होगा वासंतिक नवरात्र,  22 मार्च से होगा प्रारंभ

फीचर्स डेस्क। इस बार वासंतिक नवरात्र नौ दिनी होगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च बुधवार से वांसतिक नवरात्र का शुभारंभ हो जायेगा। वासंतिक नवरात्र में नौ दुर्गा के नौ स्वरूपों में नौ गौरी के दर्शन-पूजन की विशेष महिमा है। इसमें नौ गौरी के दर्शन-पूजन के क्रम में प्रथम मुखनिर्मालिका गौरी (गायघाट) का दर्शन होगा। इस क्रम में द्वितीया जेष्ठा गौरी (नखास), तृतीया सौभाग्य गौरी,(आदिविशेश्वर) चतुर्थ शृंगारगौरी (ज्ञानवापी), पंचम विशालाक्षी गौरी, (मीरघाट), षष्ठम ललिता गौरी,(ललिताघाट) सप्तम (भवानी गौरी (अन्नपूर्णा मंदिर) अष्टम मंगला गौरी, (पंचगंगा घाट) व नवम् महालक्ष्मी गौरी (लक्ष्मीकुंड) का दर्शन-पूजन किया जायेगा। ज्योतिषविद् पं. विमल जैन के मुताबिक आस्थावान भक्त नौ गौरी के दर्शन-पूजन के साथ ही नौ दुर्गा के नव स्वरूपों की पूजा अर्चना भी करते हैं।

इनमें प्रथम शैलपुत्री, द्वितीय ब्रह्मचारिणी, तृतीय चित्रघंटा, चतुर्थ कूष्मांडा देवी, पंचम स्कंद माता, षष्ठम कात्यायनी देवी, सप्तम कालरात्रि, अष्टम महागौरी व नवम सिद्धदात्री देवी का दर्शन पूजन होगा।

नवरात्र में नव दिनी व्रत के साथ गौरी व दुर्गा जी का पंचोपचार व षोडसोपचार पूजन अर्चन करते हैं। भगवती को पूजन में लाल चुनरी, अड़हुल की माला, नारियल व विभिन्न नैवेद्य व फल के साथ सुगंध अर्पित करते हैं। नौ दिनों तक अलग-अलग वस्तुओं को अर्पित करके मां भगवती की पूजा अर्चना की जाती है।

नवरात्र में भगवती दुर्गा से संबंधित दुर्गा चालीसा, दुर्गा स्त्रोत, सप्तश्लोकी, दुर्गा सप्तशती पाठ करने का विधान है। कहीं-कहीं अखण्ड दीपक प्रज्जवलित करके मां भगवती की कृपा प्राप्त करते हैं। माता की आराधना के साथ नवसंवत्सर की भी शुरूआत हो जाएगी। इस बार नवरात्र में चार योग का महासंयोग बन रहा है। 30 मार्च को महागौरी की पूजा के साथ ही राम नवमी भी मनाई जाएगी।