पीरियड्स के दौरान आपको भी बुखार आ जाता है? डॉक्टर से जानें क्या है कारण

जब बुखार महसूस होता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है, कि आपका शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा है। ऐसा बैक्टीरियल, वायरल और फंगल संक्रमण...

पीरियड्स के दौरान आपको भी बुखार आ जाता है? डॉक्टर से जानें क्या है कारण

हेल्थ डेस्क। अकसर महिलाओं के साथ होता है जब उनको पीरियड्स आते हैं तो तबीयत खराब सी महसूस करती हैं। दरअसल, पीरियड्स के टाइम बॉडी का तापमान बढ़ जाता है और कुछ लोगों को तेज बुखार सी स्थिति भी पैदा हो जाती है। अगर आप भी पीरियड्स के दौरान इस तरह की समस्याएं नोटिस करती हैं, तो आमतौर इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं होती है। बल्कि ऐसा होना नैचुरल है। क्योंकि पीरियड्स के दौरान महिलाओं में बदलाव देखने को मिलते हैं। इस दौरान महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन भी काफी अधिक होता है। लेकिन महिलाएं पीरियड्स में बुखार होने पर काफी परेशान हो जाती हैं और तनाव लेना शुरु कर देती हैं। जिसके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। बहुत सी महिलाएं डॉक्टर से भी इसके बारे में काफी बार पूछती हैं, कि उन्हें पीरियड्स के दौरान बुखार क्यों आता है या इसके लिए कौन से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कहीं, यह किसी गंभीर समस्या का संकेत तो नहीं? अगर आपके मन में अक्सर इस तरह के सवाल आते हैं, तो इस आर्टिकल में डॉ प्रीति ठाकरे देंगी आपको  आपके सभी सवालों के जवाब।

पीरियड्स में बुखार के कारण

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ प्रीति (BAMS Ayurveda) का कहना है कि जब महिलाओं को पीरियड्स होते हैं, इससे पहले शरीर में हार्मोन्स में कई चेंजेस होते हैं। आमतौर पर पीरियड्स में बुखार की समस्या को पीएमएस के लक्षणों से रिलेटेड माना जाता है। हलाकि यह पीरियड फ्लू का संकेत भी कहा जा सकता है। प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक मोलेक्यूल, शरीर में हार्मोन की तरह कार्य करता है। जब बुखार महसूस होता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है, कि आपका शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा है। ऐसा बैक्टीरियल, वायरल और फंगल संक्रमण के कारण भी हो सकता है। इस स्थिति में आपका इम्यून सिस्टम संक्रमण से लड़ने के लिए  एंटीबॉडी, प्रोस्टाग्लैंडीन और कई अन्य केमिकल को एक्टिव करता है। ऐसा होने पर शरीर का तापमान प्राकृतिक रूप से बढ़ जाता है और बीमार महसूस करते हैं।

हाइपोथैलेमस में रिसेप्टर्स प्रभावित

वहीं जब पीरियड्स की शुरुआत होती है, तो गर्भाशय के लाइनिंग में भी प्रोस्टाग्लैंडीन का उप्पादन होता है, जिससे हाइपोथैलेमस में रिसेप्टर्स प्रभावित होते हैं। इससे मस्तिष्क का वह हिस्सा प्रभावित होता है, जो तापमान को कंट्रोल करता है। एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में तेजी से बदलाव भी बुखार और कई समस्याओं के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। शरीर का तापमान ऑव्युलेशन की प्रक्रिया के कारण भी बढ़ सकता है।

एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं

डॉ प्रीति कहती हैं कि अगर आपको पीरियड्स के टाइम फीवर यानी बुखार आ जाता है तो आप बिल्कुल घबराएं नहीं। यह स्थिति पीरियड्स खत्म होने के बाद सामान्य हो जाएगी। लेकिन किसी को गंभीर बुखार आ रहा है, तो ऐसे में उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवाएं लेने से बचना चाहिए।