अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन, कवियों ने प्रस्तुति से बांधा समां

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन, कवियों ने प्रस्तुति से बांधा समां

वाराणसी। हिन्दी साहित्य दास कबीरा मंच की ओर से अस्सी घाट पर शनिवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर से आए कवियों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वाराणसी के अपर मजिस्ट्रेट गुलाब चंद्र व विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएसआरएल संस्था की डायरेक्टर मिनाक्षी सिन्हा रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत आयोजक व मुख्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन करके की। जिसके बाद कवियों ने अपनी कविताओं से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। आर्यन उपाध्याय ने की कविता ‘जहां होती सियासत है, वहीं ईमान बिकते हैं...’ ने महफ़िल में चार चाँद लगा दिया। वहीं डॉ० अनीता सिंह की कविता ‘तिरंगा अमन का इस देश को पैगाम देता है...’ व जीतेश राज नक्श की कविता ‘मैं उस मेले में खोना चाहता हूं...’ ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।

मुख्य अतिथि मजिस्ट्रेट गुलाब चंद्र ने कहा कि हिन्दी को आगे बढ़ाने के लिए हिन्दी साहित्य दास कबीरा मंच का यह कदम अत्यंत सराहनीय है। मैं इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा करता हूं।

कार्यक्रम का संचालन डॉ० अनीता सिंह ने व धन्यवाद ज्ञापन आर्यन उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी कवियों व अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान आर्यन उपाध्याय, डॉ० अनीता सिंह, उर्मिलेश सौमित्र, जीतेश राज नक्श, वेद प्रकाश द्विवेदी, बदरी विशाल, पूनम श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र, धर्म प्रकाश मिश्र की उपस्थित प्रमुख रही।