हजारीबाग में मौन रखकर ग्रामीणों ने किया परियोजना का विरोध, पढ़ें क्या है कारण

हजारीबाग में मौन रखकर ग्रामीणों ने किया परियोजना का विरोध, पढ़ें क्या है कारण

पटना। बड़कागांव प्रखंड के गोंदलपुरा में अडानी के कोल ब्लॉक की भूमि अधिग्रहण को लेकर ग्रामसभा का भू रैयतों ने मौन रख कर विरोध किया। बुधवार को सड़क पर बैठ कर मौन धारण कर विरोध किया।  भारतीय संविधान के अनुसार हरियाली क्षेत्र में किसी प्रकार की कोल कंपनी व अन्य फैक्ट्रियां नहीं लगायी जाये। पूर्व में दस अक्तूबर को बलोदर में ग्रामीणों के विरोध के कारण सभा नहीं हो पायी थी।

आज गाली गांव में दूसरी आमसभा आयोजित थी। नाबार्ड कंसलटेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी प्रणव कुमार ने कोल माइंस खुलने और सामाजिक प्रभाव आकलन के सभी प्रभावों की जानकारी दी।  अडानी जीएम डी दुबे, कार्यपालक पदाधिकारी सह दंडाधिकारी नवीन भूषण कुल्लू, कानूनगो सुनील कुमार सिंह ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने कहा कि आपलोग अपनी बात को हम लोगों के समक्ष रखे। अडानी के अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि कोयला खनन परियोजना के खुलने से आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा।

बड़कागांव प्रखंड के ग्राम छवनिया निवासी नियामत अंसारी की मौत करंट से हो गयी थी। इससे परिजनों के बीच भुखमरी उत्पन्न हो गयी है। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी अब तक अधिकारियों द्वारा किये गये वादे व मुआवजा का भुगतान नहीं हुआ है। सरकारी सहयोग के नाम पर मृतक नियामत अंसारी की पत्नी को जन वितरण प्रणाली द्वारा एक क्विंटल चावल एवं घायल इफ्तेखार के परिजनों को 50 किलो चावल दिया गया। बाकी घायलों को कोई सहायता नहीं दी गयी है।  इससे ग्रामीणों में नाराजगी है।

मृतक की पत्नी को पांच लाख रुपये मुआवजा एवं घायलों के इलाज के लिए मुआवजा की घोषणा की गयी है। ज्ञात हो कि नियामत अंसारी मजदूरी कर घर चलाता था। उनकी मौत के बाद परिजनों के समक्ष आर्थिक तंगी उत्पन्न हो गयी है।  छवनिया के सदर अमानत अली व गुरु चट्टी के सदर मोहम्मद मेराज ने बताया कि मृतक के परिजनों को एवं घायल के परिजनों को अब तक सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने मृतक की पत्नी को मुआवजा, नौकरी एवं घायलों के परिजनों के लिए अनाज व आर्थिक सहयोग की मांग की है।