कोरोना की नई लहर से एक बार फिर सहम उठी दुनिया, 10 लाख से ज्यादा मौतों की आशंका

कोरोना की नई लहर से एक बार फिर सहम उठी दुनिया, 10 लाख से ज्यादा मौतों की आशंका

नई दिल्ली। कोरोना की नई लहर से एक बार फिर दुनिया सहम उठी है। चीन, जापान, ब्राजील, अमेरिका समेत कई देशों में संक्रमण तेजी से पांव पसारने लगा है। अकेले चीन में अगले तीन महीने के अंदर 80 करोड़ से ज्यादा लोगों के संक्रमण की चपेट में आने की आशंका है, जबकि 10 लाख से ज्यादा मौतों की भी आशंका जताई गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग अगले तीन महीने के अंदर संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। 

ऐसे में भारत के अंदर भी संक्रमण के बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। दुनियाभर में बढ़ रहे मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। बताया जाता है कि अगले कुछ दिनों में सरकार फिर से कुछ नियमों को लागू कर सकती है, जिसे सभी को मानना अनिवार्य होगा। आइए समझते हैं कि कोरोना के रोकथाम के लिए सरकार ने क्या-क्या तैयारियां की हैं? 

किन नियमों को लागू कर सकती है सरकार

इसे समझने के लिए हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अफसर से बात की। उन्होंने कहा, 'कोरोना की हर परिस्थिति से निपटने के लिए अभी हम तैयार हैं। भारत में अभी ज्यादा खतरा नहीं है, लेकिन फिर भी ऐहतियातन हमें हर तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। इसी को देखते हुए हम कोविड प्रोटोकॉल को फिर से लागू करने पर विचार कर रहे हैं।'

सार्वजनिक स्थानों पर मास्क को फिर से किया जा सकता है अनिवार्य

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर फिर से मास्क पहनने को अनिवार्य किया जा सकता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनमें कोरोना के लक्षण हैं। मसलन खांसी, जुखाम या किसी तरह के वायरल होने पर लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। 

सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का करना होगा पालन

कोरोना के घटते केस के बाद लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना भी छोड़ दिया था। अब एक बार फिर से इसे सख्ती से लागू करवाया जा सकता है। 

एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर रैंडम टेस्टिंग

दिल्ली, मुंबई समेत सभी बड़े एयरपोर्ट पर रैंडम कोरोना टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। खासतौर पर उन लोगों की जांच पर फोकस किया जाएगा, जो कोरोना प्रभावित देश से लौट रहे हैं। ऐसे लोगों की जांच होगी और अगर उनमें संक्रमण मिलता है जो जीनोम सिक्वेंसिंग करके कोविड के अन्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। इसी तरह रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी रैंडम टेस्टिंग शुरू कराने की तैयारी है। 

बूस्टर डोज में लाई जाएगी तेजी: अब तक 23 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लगाया जा चुका है। अब इसकी संख्या तेजी से बढ़ाने पर सरकार फोकस कर रही है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को बूस्टर डोज लग सके, इसलिए व्यवस्था होगी। 

जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू हुई

देश के कई लैब में जिनोम सिक्वेंसिंग की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है। यहां कोरोना मरीजों के सैंपल लाकर चेक किए जाते हैं कि कहीं संक्रमण का कोई नया वैरिएंट तो नहीं आ गया है। जिससे समय रहते बचाव के लिए कदम उठाए जा सकें। 

टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रिटमेंट पर फोकस

कोरोना के मामलों को भारत में बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रिटमेंट वाले फॉर्मूले पर फोकस करने का फैसला लिया है। इसके अनुसार, ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच होगी और अगर कोई कोरोना संक्रमित मिलता है तो उसके संपर्क में आने वाले ज्यादातर लोगों की जांच करवाई जाएगी। इसके साथ ही कोरोना मरीजों का समय से इलाज कराया जाएगा।

भारत में अभी कोरोना की स्थिति क्या है?

हर रोज सबसे ज्यादा मरीजों के मिलने की सूची में भारत 51वें नंबर पर है। मंगलवार को यहां तीन नए संक्रमित पाए गए, जबकि कोई नई मौत नहीं हुई। अब तक भारत में 4.46 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 4.41 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 5.30 लाख मरीजों की मौत हो गई। भारत में अभी 4,527 मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल  रहा है। एक्टिव केस के मामले में भारत दुनिया में अभी 90वें स्थान पर है।