सड़क जाम समस्या के समाधान ढूंढने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने करीब नौ माह से अधिक से जारी किसान आंदोलन के कारण यातायात में हो रहे व्यवधान को लेकर सोमवार को नाराजगी जतायी और केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को इसका समाधान ढूंढने को कहा है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल की याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि दिल्ली से नोएडा के बीच सड़क पर कोई व्यवधान न हो।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, “किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं किया जा सकता है। इसका समाधान केंद्र सरकार और संबंधित राज्य के हाथ में है। चाहे वजह कोई भी हो, सड़कों को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है।” न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले का समाधान ढूंढकर अदालत को रिपोर्ट करे। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने न्यायालय के समक्ष कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों से बात कर उन्हें सड़क खाली करने के लिए समझाने की कोशिश की जा रही है। राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों को यह समझाने की कोशिश भी कर रही है कि उनका सड़क रोकना शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि सड़कों को खाली रखने के न्यायालय के बार-बार के निर्देशों के बावजूद भी इसका पालन नहीं किया गया है। ‘सिंगल मदर’ और कई मेडिकल समस्याओं के साथ जूझने की वजह से उनके लिए नोएडा से दिल्ली आना एक बुरे सपने की तरह हो गया है।
हालांकि याचिकाकर्ता की गैर-मौजूदगी के कारण आज सुनवाई टाल दी गयी। न्यायालये ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है।