अविराम विधि से परीक्षा की तैयारी करने से छात्र हो रहे हैं तनाव ग्रस्त : डॉ मनोज

छात्र अध्ययन हेतु समय सारणी बनाकर अपने अध्ययन वाले स्थान पर लगा ले, इससे आवश्यकता अनुसार वे विषयों को समय प्रदान करते हुए अध्ययन कर सकेंगे। समय सारणी न होने से विद्यार्थी कुछ विषयों को अधिक समय देते हैं जबकि कुछ विषय अछूता रह जाता है जो बाद में...

अविराम विधि से परीक्षा की तैयारी करने से छात्र हो रहे हैं तनाव ग्रस्त : डॉ मनोज

एजुकेशन डेस्क। बुद्धि एवं संवेग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, व्यक्ति धनात्मक संवेग में रहता है तो बुद्धि अच्छे से काम करता है और नकारात्मक संवेग की अवस्था में वह अपनी बुद्धि क्षमताओं का प्रयोग करने में सक्षम नहीं होता है। परीक्षा का समय नजदीक आने पर अधिकांश विद्यार्थी तनावग्रस्त हो जाते हैं। सामान्य स्तर का तनाव विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित करता है। उच्च स्तर व लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव छात्रों के अधिगम को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के साथ ही उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है। परीक्षा के एक माह पहले तक 13% विद्यार्थियों में जबकि एक सप्ताह पूर्व 82.2% विद्यार्थियों में उच्च स्तर का तनाव पाया जाता है। एससीईआरटी गुरुग्राम एक सर्वे में 9 से 12 वीं कक्षा के छात्रों में से 60% छात्रों में परीक्षा तनाव पाया गया था। छात्राओं की अपेक्षा छात्रों में परीक्षा की दुश्चिंता अधिक होती है।

परीक्षा तनाव के लक्षण

सीखने में कठिनाई

जल्दी भूलना

सांस लेने में परेशानी

बहुत ज्यादा पसीना आना

दिल का तेज धड़कना

पेट दर्द

मुंह सूखना

बार-बार प्यास लगना

मिचली आना

चक्कर आना

बहुत ज्यादा गर्मी/ ठंड महसूस करना

हाथ-पैर का ठंडा या सुन्न होना

अनियमित नींद

बुरे सपने आना

जल्दी थक जाना

भूख न लगना

बेचैनी

अपने को नुकसान पहुंचाने वाला कार्य करना

जोखिम भरा व्यवहार

 नशे का प्रयोग

मांसपेशियों में दर्द

चिड़चिड़ापन

उदासी

ध्यान लगाने में कठिनाई महसूस करना

अकेले में रहना

परीक्षा तनाव के प्रमुख कारण

नियमित अध्ययन न करना

अनियमित दिनचर्या

अध्ययन हेतु समय सारणी का न होना

अभिभावकों की छात्रों से अधिक नंबर पाने की अपेक्षा

परीक्षा में प्राप्त अंकों को सफलता का मानक मानना

आत्मविश्वास की कमी

पर्याप्त नींद न लेना

नकारात्मक विचारों की अधिकता # अध्ययन के बजाय रिजल्ट के बारे में अधिक सोचना

शारीरिक गतिविधियों की कमी

आत्मविश्वास की कमी

परीक्षा तनाव को कम करने के उपाय

नियमित अध्ययन करें

छात्र अध्ययन हेतु समय सारणी बनाकर अपने अध्ययन वाले स्थान पर लगा ले, इससे आवश्यकता अनुसार वे विषयों को समय प्रदान करते हुए अध्ययन कर सकेंगे। समय सारणी न होने से विद्यार्थी कुछ विषयों को अधिक समय देते हैं जबकि कुछ विषय अछूता रह जाता है जो बाद में तनाव उत्पन्न करता है जिससे तैयार किए गए विषय वस्तु के भूलने का दर अधिक हो जाता है।

सकारात्मक सोचे

परीक्षार्थियों को अपने अध्ययन व परीक्षा परिणाम के बारे में सकारात्मक सोचना चाहिए। परीक्षा के परिणाम को लेकर तनाव न लें यदि विद्यार्थी यह सोचता है कि परीक्षा में बेहतर अंक नहीं आएंगे तो वह परिवार के सदस्यों तथा मित्रों से सम्मान नहीं पाएंगे तो इससे उनमें तनाव अधिक होता है, ऐसे नकारात्मक सोच से बचना चाहिए।

आत्मविश्वास के साथ तैयारी करें:- संवेग संज्ञानात्मक क्षमताओं (अधिगम, स्मृति, प्रत्यक्षीकरण, चिंतन, अवधान एवं समस्या समाधान की क्षमता) को प्रभावित करता है। इसलिए परीक्षार्थियों को चाहिए कि वे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करें, वे सोचें कि पूर्व में भी उन्होंने अनेक परीक्षाओं को अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है। इससे तनाव में कमी आएगी।

दिनचर्या नियमित रखें

अनियमित दिनचर्या से न केवल श्रम एवं समय बर्बाद होता है बल्कि जल्दी थकान होने के कारण अध्ययन में भी ठीक से मन नहीं लगता है। इसलिए समय सारणी बनाकर उसी के अनुसार परीक्षा की तैयारी करना चाहिए।

पर्याप्त नींद लें

विद्यार्थी परीक्षा नजदीक आने पर तनाव के कारण कम सोते हैं, इससे उनमें थकावट एवं तनाव होता है। विद्यार्थियों को कम से कम परीक्षा के दौरान 7 घंटे नींद लेना चाहिए।

संतुलित आहार ले

परीक्षा के दिनों में विद्यार्थी भोजन कम कर देते हैं जिससे ऊर्जा की कमी होती है इससे उनका मन अध्ययन में नहीं लगता और इससे उनको तनाव होता है। इसलिए परीक्षा की तैयारी के समय विद्यार्थियों को अल्प मात्रा में तीन-चार बार पौष्टिक आहार लेना चाहिए।

पर्याप्त आराम करें

विद्यार्थी को अध्ययन करने के दौरान 45 मिनट से 1 घंटे बाद 5-10 मिनट का विश्राम लेना चाहिए इससे अधिगम की गति, मात्रा एवं गुणवत्ता बनी रहती है। बिना विश्राम के लगातार अध्ययन करने से अधिगम नहीं होता बल्कि पूर्व में सीखी गई विषयवस्तु का भी विस्मरण हो जाता है।

महत्वपूर्ण सुझाव

ऐसे साथियों से संपर्क न रखें जो परीक्षा संबंधी नकारात्मक विचार रखते हैं।

व्यायाम करें

गुनगुने पानी से स्नान करें

अपने रुचि के कार्य करें

दोस्तों एवं परिवार के सदस्यों के साथ खुलकर बातचीत करें।

खुली हवा में टहलें

मनपसंद संगीत सुनें

नृत्य करें।

अभिभावक को सुझाव:-

बच्चों पर पढ़ने के लिए अत्यधिक दबाव न बनाएं

अच्छे नंबर लाने के लिए बार-बार दबाव न डालें

परीक्षा के समय उनके आराम एवं पौष्टिक भोजन का प्रबंध करें

उनसे नकारात्मक बातें न करें

बच्चों के साथ परस्पर संवाद बनाए रखें

बच्चों के मनोदशा को समझ कर उनके साथ उचित व्यवहार करें

भावनात्मक सहयोग दें

बच्चा बहुत अधिक तनाव महसूस करता है तो उसे मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान कराए।

बच्चे को भरोसा दिलाया कि हर परिस्थिति में आप उसके साथ हैं।

मददगार बने दखलअंदाजी न करें।

परीक्षा तनाव का उचित प्रबंधन न होने से न केवल विद्यार्थी परीक्षा में उचित निष्पादन नहीं कर पाते बल्कि अनेक शारीरिक व मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो जाते हैं। अत्यधिक परीक्षा तनाव के कारण विद्यार्थी आत्महत्या भी कर लेते हैं समाज में संदेश जाना चाहिए कि जीवन से बढ़कर कुछ भी मूल्यवान नहीं है। लेखक से छात्र में परीक्षा संबंधी हो रही कठिनाइयों के सम्बंध में मोबाइल नंबर 95324 56107 पर शाम 6:00 से 7:00 तक नि:शुल्क सलाह प्राप्त कर सकते हैं।

इनपुट सोर्स : डॉ मनोज कुमार तिवारी, वरिष्ठ परामर्शदाता, ए आर टी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी।