सौभाग्य योजना : एक बार भी बिल न जमा करने वाले 22 फीसद पर 78 करोड़ बकाया

सौभाग्य योजना : एक बार भी बिल न जमा करने वाले 22 फीसद पर 78 करोड़ बकाया

लखनऊ। योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्टों में सौभाग्य योजना विद्युत वितरण निगम के लिए सिर दर्द बन गई है। योजना के तहत विभाग ने रेवड़ी की तरह कनेक्शन तो बांट दिए, मगर अब उपभोक्ता बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं। ऊर्जा मंत्रालय के रिपोर्ट की माने तो छह सालों में 22 फीसद सौभाग्य योजना के लाभार्थियों ने एक बार भी बिजली का बिल (नेवर पेड) जमा नहीं किया है। जिले में लगभग 27 हजार उपभोक्ताओं पर 78.55 करोड़ रुपया बिजली का बिल बकाया है। अब इन से बिजली का बिल वसूलना विभाग के लिए टेढ़ी खीर है। ऐसे में विभाग अब इनसे वसूली करने के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गया है।योगी सरकार के महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल सौभाग्य योजना की शुरूआत अक्टूबर 2017 में हुई। योजना के तहत जिले में करीब 1,24,246 ग्रामीणों को बिजली का कनेक्शन देकर निगम ने बिजली उपभोक्ता बनाया।

कनेक्शन के साथ ही इन उपभोक्ताओं को तार, बल्ब, अन्य सामाग्री भी विभाग ने उपलब्ध कराया। करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार ने प्राइवेट कंपनियों के जरिए जिले में सौभाग्य योजना का पूरा कार्य भी कराया। इस दौरान ग्रामीण इलाकोंं में बिजली के क्षेत्र में जमकर काया पलट हुई। मगर इसका सुखद परिणाम नहीं निकला। सरकार और निगम की सोच के विपरित उपभोक्ता चले गए। वर्तमान समय की बात करें तो जिले के लगभग 27 हजार 045 उपभोक्ता ऐसे हैं, जो पिछले छह सालों में एक भी बार बिल नहीं जमा किया। इन पर विभाग का लगभग 78 करोड़ 55 लाख बिजली का बिल बाकी है।

वहीं दूसरी ओर 97 हजार 201 उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान कर रहे है। अब विभाग पशोपेश में पड़ा है कि इन नेवर पेड उपभोक्ताओं से बकाया कैसे वसूला जाए?अधीक्षण अभियंता अनिल अरोरा ने बताया कि सरकार ने सौभाग्य योजना के तहत हर घर को रोशन किया था। जिले में करीब 1 लाख 24 हजार से अधिक उपभोक्ता को कनेक्शन दिया गया था। मगर इनमें से 27 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने बिजली का बिल नहीं जमा किया। इन पर करीब 78 करोड़ 55 लाख रुपये बकाया है। इन उपभोक्ताओं से बकाया वसूलने की रणनीति तैयार की जा रही है।