"बढ़ते हुए वायु प्रदुषण से बढ़ रहे है श्वांस के मरीज" :  डॉ. एस. के पाठक

पर्यावरण में विषैले, हानिकारक और जीवन के लिए खतरा माने जाने वाले तत्वों की अधिकता हो जाने की वजह से प्रदुषण हम पर हावी होता जा रहा हैंI वायु प्रदूषण से होने वाली समस्याओं में मुख्यत: सांस लेने में दिक्कत (जिसकी वजह से एलर्जी की शिकायत या अस्थमा), ड्रायनेस के साथ आंखों में जलन, गले में खराश के साथ दर्द, स्किन रैशेज और खुजली की समस्या आदि हो सकती है....

"बढ़ते हुए वायु प्रदुषण से बढ़ रहे है श्वांस के मरीज" :  डॉ. एस. के पाठक

हेल्थ डेस्क। पिछले कुछ सालों से पुरे विश्व के स्वास्थ्य से खिलवाड़ / समझौता किया जा रहा हैI पहले कोरोना की मार फिर वायु प्रदुषण का चपेटI विगत दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रदुषण पर नियंत्रण रखने पर जोर दिया जा रहा था, परन्तु कोरोना के साथ साथ अब वायु प्रदुषण भी उसे अनियंत्रित परेशानी में शामिल कर रही हैI डॉ एस. के पाठक ने इस विषय पर चिंता जतायी है, व एक परिचर्चा में बताया कि – "प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आकड़ो के अनुसार काशी की हवा दिल्ली के साथ-साथ देश की जहरीली हवा में शामिल हो गयी हैं, जिसका एयर क्वालिटी इंडेक्स 145 हैं, जोकि संवेदनशील समूहों के लिए अस्वस्थ हैं,  जिसमे स्माल साइज़ पार्टिकल 2.5 माइक्रोन एस.पी.एम् का लोड बनारस में 50 से ज्यादा है, जबकि यह लोड साधारणत: 20 से अधिक नही होना चाहिए I वही लार्ज साइज़ पार्टिकल 10 माइक्रोन का लोड वाराणसी में 100 से ज्यादा हैं, जिसे साधारणतया 50 से ज्यादा नही होना चाहिए I

डॉ. पाठक के अनुसार 'पर्यावरण में विषैले, हानिकारक और जीवन के लिए खतरा माने जाने वाले तत्वों की अधिकता हो जाने की वजह से प्रदुषण हम पर हावी होता जा रहा हैंI वायु प्रदूषण से होने वाली समस्याओं में मुख्यत: सांस लेने में दिक्कत (जिसकी वजह से एलर्जी की शिकायत या अस्थमा), ड्रायनेस के साथ आंखों में जलन, गले में खराश के साथ दर्द, स्किन रैशेज और खुजली की समस्या आदि हो सकती है। काशी की हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर 16 था जिसे साधारणतया 1 से ज्यादा नही होना चाहिए I  नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का लोड 16 हैं, जिसे 10 से ज्यादा नही होना चाहिए I आज के समय में कारखानों, विभिन्न मोटर कार, बाइक आदि गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण वातावरण बहुत ही प्रदूषित हो चूका है। सबसे अधिक वायु प्रदूषण गाड़ियों के धुएं, अर्धनिर्मित कंस्ट्रक्शन से हो रहा है। ये आकडे जताते हैं प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का हवा जहरीला हो गया हैं I

" डॉ एस. के पाठक ने इस सन्दर्भ में पी.एम् मोदी से उनके वाराणसी में हुई एक शिष्टाचार मुलाकात के दौरान "वाराणसी को डस्ट फ्री जोन" बनाने के लिए एक ज्ञापन सौपा था।

इनपुट : डॉ एस. के पाठक, मेडिकल डायरेक्टर व वरिष्ठ टी.बी, श्वास एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ ब्रेथ ईजी, वाराणसी सिटी।