आरएसएस ने बढ़ती 'इस्लामिक कट्टरता' पर की चर्चा, मुस्लिम समुदाय से की यह बड़ी अपील

आरएसएस ने बढ़ती 'इस्लामिक कट्टरता' पर की चर्चा, मुस्लिम समुदाय से की यह बड़ी अपील

नई दिल्ली। देश में बढ़ती 'इस्लामिक कट्टरता' राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने एक मीटिंग आयोजित की। राजस्थान के झुंझनू में प्रांत प्रचारकों की तीन दिन की मीटिंग में उदयपुर और अमरावती हत्याकांड के मुद्दे पर 'बढ़ती इस्लामिक कट्टरता' पर मंथन किया। कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद ये प्रांत प्रचारकों की पहली फीजिकल मीटिंग थी। इस मीटिंग में संघ प्रमुख मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले सहित संघ के कई शीर्ष पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। संघ ने शनिवार को कहा कि उदयपुर और अमरावती जैसी हत्याकांड की घटनाओं पर हिंदू समाज ने बेहद शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान आरएसएस ने अपील की है कि मुस्लिम समुदाय को भी उदयपुर जैसी घटनाओं का पुरजोर तरीके से विरोध करना चाहिए।

राजस्थान के झुंझुनू में प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक पूरी होने के बाद संघ प्रवक्ता सुनील आंबोडकर ने कहा, 'यह सभी के लिए जरूरी है कि इसका एकसाथ मिलकर विरोध किया जाए।' उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल करते वक्त जनभावनाओं का खयाल रखा जाना चाहिए। उदयपुर में हुए टेलर कन्हैयालाल के हत्याकांड के बारे में आरएसएस प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे देश में लोकतंत्र है। हमारे पास संवैधानिक लोकतांत्रिक अधिकार हैं। अगर किसी को कुछ पसंद नहीं आता है तो उसके विरोध का एक लोकतांत्रिक तरीका होता है। लेकिन इस तरह की घटनाएं न तो समाज के हित में हैं और न ही देश के हित में।'

आरएसएस ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि उदयपुर जैसे जघन्य हत्याकांड के खिलाफ मुस्लिम समाज भी खड़ा हो। आरएसएस प्रवक्ता ने कहा कि 'किसी भी सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं की निंदा ही होगी। हिंदू समाज शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से प्रतिक्रिया दे रहा है। मुस्लिम समाज से भी उम्मीद की जाती है कि वह इन घटनाओं का विरोध करे। कुछ बुद्धिजीवियों ने इसका विरोध किया है लेकिन मुस्लिम समाज को भी आगे आना चाहिए और पूरे दम के साथ ऐसी घटनाओं का विरोध करना चाहिए।' कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद ये प्रांत प्रचारकों की पहली फीजिकल मीटिंग थी।