ऑनलाइन स्टडीज को इफेक्टिव बनाने के लिए पेरेंट्स करें ये अर्रेंजमेंट्स

ऐसा ना हो की बच्चा कही भी बैठ कर क्लासेज कर रहा हो। क्लासेज के लिए शांत और प्रॉपर इल्लुमिनटेड जगह चूज़ करें। कुर्सी मेज पर बैठ कर पढ़ने से बच्चे का पोस्चर ठीक रहेगा, उसे लिखने में आसानी होगी और हैंड राइटिंग....

ऑनलाइन स्टडीज को इफेक्टिव बनाने के लिए पेरेंट्स करें ये अर्रेंजमेंट्स

फीचर्स डेस्क। कोरोना काल ने पढाई-लिखाई का तौर तरीका बदल कर रख दिया है। हालाँकि बीच में सिचुएशन नार्मल होने पर वापस ऑफलाइन स्कूल शुरू  हुए थे पर ओमीक्रॉन के बढ़ते केसेस के चलते लगभग सभी राज्यों में वापस ऑनलाइन मोड में स्टडीज होने लगी है। ऐसे में पेरेंट्स का अपने बच्चो की स्टडीज को ले कर चिंतिंत होना लाजमी है। एक तो नया तौर तरीका उस पर से टीचर का बच्चों पर कोई ज़ोर ना होना , दूर बैठा बच्चा ठीक से पढ़ लिख रहा है भी या नहीं ये सुनिश्चित करना पर माता-पिता की बड़ी रिस्पांसिबिलिटी बन चुका है। ऑनलाइन स्कूलिंग के इस दौर में पेरेंट्स को-टीचर्स हैं। आज के इस  आर्टिकल में हम आप से ऑनलाइन स्कूलिंग को इफेक्टिव बनाने के टिप्स शेयर करने वाले हैं ,इनको अपना कर आप यकीनन अपने बच्चे की स्टडीज को इफेक्टिव बना पाएंगे , आइये जानते हैं

स्कूल डेकोरम फॉलो करवाए

घर से पढाई हो रही है इसके मतलब ये नहीं होना चाहिए की कुछ भी कैसा भी चलेगा। माता-पिता को चाहिए की बच्चा समय से सोये और सुबह स्कूल शुरू होने से कम से कम एक घंटा पहले जागे ताकि क्लासेज में फ्रेश रहे। क्लासेज प्रॉपर यूनिफार्म या साफ़ सुथरे कपड़ों में अटेंड करें , ब्रेकफास्ट किया हुआ हो और टेबल पर वाटर बोतल हो जैसा की स्कूल में होता है। टॉयलेट ब्रेक क्लासेज के बीच के समय में लिया जाये। इन चीज़ो पर नज़र बनाये रखें।

पढाई स्टडी टेबल पर ही हो

ऐसा ना हो की बच्चा कही भी बैठ कर क्लासेज कर रहा हो। क्लासेज के लिए शांत और प्रॉपर इल्लुमिनटेड जगह चूज़ करें। कुर्सी मेज पर बैठ कर पढ़ने से बच्चे का पोस्चर ठीक रहेगा, उसे लिखने में आसानी होगी और हैंड राइटिंग भी ठीक रहेगी। टेबल के ऊपर लाइट होनी छाइये अगर ऐसा नहीं है तो टेबल लैंप का इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्री -प्रेपरेशन हैं इम्पोर्टेन्ट

 जैसे पहले ऑफलाइन स्कूल में एक रात पहले बैग सेट करते थे बॉक्स रेडी करते थे। वैसे भी ऑनलाइन क्लासेज के लिए भी रात में ही तयारी कर के रख लें जैसे आप बच्चे का लैपटॉप, टैब को चार्ज कर दें। क्लासेज के लिंक हैंडी रखें। टाइम टेबल के हिसाब से बैग लगवाएं बॉक्स में पेन पेंसिल इरेज़र स्केल आदि प्रॉपर हो। इंटरनेट कनेक्शन स्ट्रांग हो और माइक ,कैमरा आदि ठीक से काम कर रहा हो ये सब टेस्टिंग रात को या स्कूल शुरू होने से पहले कर लेना चाहिये।

बीच-बीच में निरीक्षण भी करें

 ऐसा नहीं है की आप क्लास के पूरा टाइम बच्चे के साथ रहे या उसे गाइड करें पर बीच -बीच में अचानक आकर चेक ज़रूर करें। इससे बच्चे भी पढाई को सीरियसली लेते हैं। टीचर्स से फीडबैक लेते रहे ,अपने कंसर्नस के बारे में भी उनसे बात करें। नोट्स चेक करते रहे ,क्लास वर्क ,होम वर्क के बारे में बात करें।  असाइनमेंट और एक्टिविटीज में आपका बच्चा इंट्रेस्ट ले और पार्टिसिपेट करे इस पर भी नज़र रखें। 

पैरेंटल कण्ट्रोल रखें

 बच्चों को स्टडीज के लिए इंटरनेट का एक्सेस दे रहे है पर पैरेंटल चेक रखें की वो क्या देख सुन रहा है। बेकार के अप्प्स पर आप पैरेंटल कण्ट्रोल लगा सकते हैं साथ ही ब्राउज़िंग हिस्ट्री से ये भी चेक कर सकते हैं की बच्चा कौन -कौन सी साइट्स पर विजिट कर रहा है। स्वयं को अपडेट रखें ताकि टेक्नोलॉजी के बारे में पता हो और बच्चा कुछ भी बोल कर आप को बेफकूफ ना बना सके।

समय चल्लेंजिंग है पर ये आप को बहुत कुछ सीखा के जायेगा ,इसे बोझ की तरह नहीं बल्कि नए पेरेंटिंग चैलेंज की तरह लें।