पाकिस्तानी नागरिक भारत में आकर रहने लगा और एक बेटे को सेना में भर्ती करवा दिया, अब होगी जांच

पाकिस्तानी नागरिक भारत में आकर रहने लगा और एक बेटे को सेना में भर्ती करवा दिया, अब होगी जांच

नई दिल्ली। एक व्यक्ति साल 1990 में पाकिस्तान से भारत आता है। उसके पास टर्म वीजा भी होता है। जिसके एक्सपायर होने से पहले उसे पाने देश वापस लौट जाना था। लेकिन उसने अपने वीजा की अवधि बढ़वा ली और वह भारत में ही रुका रहा। इतना ही नहीं उसने अपने आप को भारतीय बताकर यहां की नागरिकता भी हासिल कर ली। पहचान पत्र, आधार कार्ड के अलावा उसने ऐसे सारे कागज बनवा लिए, जिससे यह लगे की वह भारत का ही नागरिक है। हद तो तब हो गई जब उसके बेटे भारत की सेना और शिक्षा विभाग में नौकरी करने लगे। लेकिन किसी को भी यह पता नहीं लगा कि यह व्यक्ति पाकिस्तान का है।

मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है। एक पाक नागरिक 1990 में टर्म वीजा पर कानपुर आया और परिवार समेत यहीं बस गया। इतना ही नहीं पाकिस्तानी होने की बात छिपाकर उसने भारत की नागरिकता भी ले ली। पहचान पत्र, आधार कार्ड से लेकर एक-एक दस्तावेज बनवा लिया। एक बेटे को एयरफोर्स में नौकरी मिल गई और दूसरे को शिक्षा विभाग में मिली। मामले का खुलासा होने पर अब जूही थाने की पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। मामले की जानकारी मिलते ही मिलिट्री इंटेलीजेंस, एटीएस समेत अन्य जांच एजेंसियों ने भी मामले का संज्ञान लिया है।

पाकिस्तानी होने की बात छिपाकर बनवाया पहचान पत्र और आधार कार्ड 

कानपुर के किदवई नगर के ही रहने वाले आलोक कुमार ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि साल 1990 में पाकिस्तान से आलम चन्द्र इसरानी अपने परिवार के साथ भारत में टर्म वीजा पर आया। इसके बाद वह 271 एमआई बर्रा-2 इलाके के एक मकान में रहने लगा। उसके पास सीमित अवधि का वीजा था, जिसे वह आगे भी बढ़वाता रहा। 

आरोप है कि इस दौरान उसने अपनी पाकिस्तान की नागरिकता छिपा ली और धोखाधड़ी करते हुए पहले अपना और फिर बाद में परिवार के सभी सदस्यों का भारतीय पहचान पत्र बनवा दिया। इसके बाद साल 2013 में भारत की नागरिकता हासिल कर ली। इसके बाद सरकार की कई योजनाओं का लाभ लेते हुए उसने घर, दुकान-मकान और कई प्रॉपर्टी खरीद डालीं।