2014 से पहले देश में किसान करता था आत्महत्या : याेगी आदित्यनाथ

2014 से पहले देश में किसान करता था आत्महत्या : याेगी आदित्यनाथ

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयन्ती पर गुरुवार को यहां विधान भवन प्रांगण में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोकभवन में चौधरी चरण सिंह की जयन्ती पर आयोजित ‘किसान सम्मान दिवस’ कार्यक्रम में कृषकों, कृषि उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों को पुरस्कृत एवं सम्मानित भी किया। 11 किसानों को ट्रैक्टर भेंट किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकतम उत्पादन, जैविक प्राकृतिक खेती और उन्नत खेती करने वाले किसानों को एक लाख, 75 हजार और 50 हजार की राशि से सम्मानित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र भी भेंट किये। मुख्यमंत्री ने फर्रुखाबाद के हुकुम सिंह को गेंहू उत्पादन के लिए एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मैं भारत माता का महान सपूत के 129वीं जयन्ती पर नमन करता हूं। चौधरी साहब ने किसानों की आवाज को सड़क से संसद तक पहुंचाया था। देश की तरक्की का रास्ता खेत और खलिहान से होकर जाता है। चौधरी जी के सपनों को केंद्र और राज्य सरकार मिल कर पूरा कर रही है। 2014 से पहले इस देश में किसान आत्महत्या करता था। 2017 के पहले यूपी में भी किसान आत्महत्या करता था। किसानों के लिए किसान सम्मान निधि आजादी के बाद पहली बार केंद्र सरकार ने किसानों को दिया है। 2018 में लागत का डेढ़ गुना एमएसपी केन्द्र सरकार ने किया। केंद्र और राज्य सरकार जब मिलकर काम करते हैं तो नतीजा बेहतर होता है।

हमारी सरकार ने 22 लाख हेक्टेयर सिंचाई की व्यवस्था किया है। पिछली सरकारों में क्रय की कोई नीति ही नहीं थी। धान और गेंहू का कार्य सीधे किसान से किया गया और भुगतान सीधे खाते में डीबीटी के जरिये किया गया। हमारी सरकार ने 20 नये जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र खोले हैं। मंडियां पहले शोषण का केन्द्र होती थीं। गन्ना मूल्य का डेढ़ लाख करोड़ का भुगतान सरकार ने सीधे किसानों को खाते में दिया है। प्रदेश के 119 चीनी मिलें कोरोना काल में भी चलती रहीं। मंडी समिति के माध्यम से चयनित 11 किसानों को ट्रैक्टर दिया। यहां तमाम किसानों व समानित किया गया। इनमें महिला किसान भी शामिल हैं। प्राकृतिक खेती की शुरुआत हुई है। गौ आधारित खेती की विशेष ट्रेनिंग कराई गई। पीएम का जोर इसी गौ आधारित और प्राकृतिक खेती पर जोर दिया।