उत्तर प्रदेश के सभी बोर्डों के सभी विद्यालय रहेंगे कल बंद

उत्तर प्रदेश के सभी बोर्डों के सभी विद्यालय रहेंगे कल बंद

वाराणसी/चंदौली/आजमगढ़। आजमगढ़ जिले के हरिवंशपुर स्थित चिल्ड्रेन स्कूल में छात्रा की मौत के मामले में प्रधानाचार्या और शिक्षक की गिरफ्तारी से शिक्षकों में नाराजगी है। घटना और उसके बाद प्रधानाचार्या और शिक्षक की गिरफ़्तारी को लेकर स्कूलों के संगठनों में प्रशासन के खिलाफ अत्यधिक रोष व्याप्त है। इसके विरोध में पूर्वांचल स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन व इससे लगायत संगठनों ने वाराणसी समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में निजी विद्यालयों को आठ अगस्त को बंद रखने का निर्णय लिया है। इस दौरान निजी विद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारी मौन सभा का आयोजन कर दिवंगत छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। पूर्वांचल स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी संदीप मुखर्जी ने बताया कि आजमगढ़ में जो घटना हुई, उससे संगठन मर्माहत है। लेकिन उस मामले में प्रधानाचार्या व शिक्षक को जिम्मेदार माना जा रहा है,  ये सरासर गलत है। इसके विरोध में वाराणसी समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में निजी विद्यालय एक दिन के लिए सांकेतिक रूप से बंद रहेंगे। लेकिन इस दौरान पूर्वांचल के निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षक काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे। वे विद्यालय तो आएंगे लेकिन अध्यापन कार्य से विरत रहेंगे।

दूसरी तरफ, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की विद्यापीठ ब्लॉक के छितौनी स्थित एक निजी विद्यालय में सोमवार को हुई आपात बैठक में आजमगढ़ की घटना के विरोध में सभी निजी विद्यालय को आठ अगस्त को रखने का निर्णय हुआ। वक्ताओं ने कहा कि छात्रा की मौत के मामले में बिना जांच के गिरफ्तारी का हम सभी विरोध करते हैं। इस तरह की समस्या किसी के भी विद्यालय में आ सकती है।  अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष रामाश्रय पटेल ने कहा कि आठ अगस्त को निजी विद्यालयों में बच्चों की छुट्टी रहेगी। उस दिन शिक्षक और शिक्षिकाएं बाहों में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और विद्यालय कार्य से विरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रा के निधन से संगठन दुखी है, लेकिन बिना जांच के प्रधानाचार्या व शिक्षक की गिरफ्तारी करना सरासर गलत है। बैठक में नरेंद्र शर्मा, जेपी रावत, अभिषेक यादव, सुखराज पटेल, रंजीत पटेल, समलेश पटेल, रामजी सिंह आदि मौजूद रहे।

सभी कैलोलिक स्कूल और शैक्षणिक सेवाएं भी रहेगी बंद

वाराणसी धर्मप्रांत के शिक्षा अध्यक्ष बिशप यूजिन जोसफ एवं शिक्षा सचिव फादर थामस मैथ्यू ने संयुक्त रूप से आजमगढ़ की घटना पर दुख जताया। कहा कि आजमगढ़ के चिल्ड्रेन स्कूल में घटी घटना के प्रति हम दिल से दुखी है। यह घटना अनेक घटनाओं में से नवीनतम है। मई में गाजीपुर के हार्टमनपुर में भी इसी प्रकार की घटना घटित हुई थी। उन सभी माता-पिता एवं प्रियजनों, जिन्होंने अपनी संतानों को खो दिया, उनके लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें सांत्वना एवं सुरक्षा प्रदान करें। 
उन्होंने कहा है कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना जहां भी घटित हुई, वहां के प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को काफी कष्ट का सामना करना पड़ रहा है। बिना जांच-पड़ताल के उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है और जेल में बंदी बनकर दंड भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में आठ अगस्त को पूर्वांचल के सभी कैथोलिक स्कूल एवं शैक्षिक सेवाएं बंद रहेंगे। शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी एकजुटता को प्रदर्शित करते हुए सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांधकर ड्यूटी पर रहेंगे। साथ ही दंडित लोगों को न्याय दिलाने की अपील भी करेंगे। 

उत्तर प्रदेश विद्यालय संघ के प्रदेश संयोजक डॉ० विनय कुमार वर्मा ने कहा कि सभी विद्यालय संगठनों के आह्वान पर कल 8 अगस्त (मंगलवार) को उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालय बंद रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर सोचना है कि किसी भी विद्यालय में भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। बच्चों के मोबाईल के प्रति इस तरह के नशा पर भी विचार करना होगा । उन्हें इस नशे से कैसे मुक्त कराया जाए इस पर भी सबको चिंतन करने की आवश्यकता है। आजमगढ़ की घटना अत्यंत दुःखद है। बच्ची द्वारा नादानी व जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। पूरा शिक्षा जगत इस घटना से दुःखी है। हम सबकी संवेदना मृतक बच्ची के परिजनों के साथ है। लेकिन इस घटना के बाद पुलिस ने बिना पूरी तरह पड़ताल किए प्रिंसिपल व क्लास टीचर पर धारा 302 व अन्य लगाकर गिरफ्तार कर लिया जो गलत है। पहले पूरी जांच होती फिर जितना अपराध उतने की धाराएं लगती। पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी पूरी तरह से गलत है। 

ये है पूरी घटना

आज़मगढ़ के एक गर्ल्स स्कूल में एक बच्ची मोबाईल लेकर स्कूल आती है। उसके क्लास टीचर  मोबाइल जब्त कर लेते है और प्रिंसिपल के पास ले गए। प्रिंसिपल मैडम ने उसे डांटा (क्योंकि विद्यालय में मोबाईल पुरी तरह से वैन था) और उसके पेरेंट्स को सूचित करने के लिए उसे अपने ऑफिस के बाहर खड़े रहने को कहा। उधर गुस्से में वह बच्ची छत पर पहुंची और कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गयी। जिसके बाद पुलिस शिक्षिका और प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर उन पर आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा दर्ज करते हुए आगे की कार्यवाही में जुटी हुई है। इस घटना के बाद प्रदेश भर के स्कूल संगठन के लोगों ने शिक्षिका और प्रिंसिपल की गिरफ़्तारी को गलत ठहराया है।